एस्टेट ऑफिस अपनी प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की कर रहा डिमांड

Edited By Priyanka rana,Updated: 08 Dec, 2019 12:56 PM

estate office

एस्टेट ऑफिस भी अपनी लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की डिमांड कर रहा है, ताकि वह कमर्शियल लीज होल्ड प्रॉपर्टी की भी सफल ऑक्शन करके राजस्व प्राप्त कर सके।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : एस्टेट ऑफिस भी अपनी लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की डिमांड कर रहा है, ताकि वह कमर्शियल लीज होल्ड प्रॉपर्टी की भी सफल ऑक्शन करके राजस्व प्राप्त कर सके। इस संबंध में विभाग ने प्रशासन के समक्ष मुद्दा उठाया है, जबकि निगम भी पहले ही अपनी प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव भेज चुका है। 

प्रशासन का तर्क है कि वह निगम के प्रस्ताव पर जो भी फैसला लेगा, वह अपने आप ही एस्टेट ऑफिस की प्रॉपर्टी पर भी लागू हो जाएगा। इस संबंध में विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने प्रशासन के समक्ष ये मुद्दा उठाया है कि उनकी प्रॉपर्टी को भी लीज होल्ड से फ्रो होल्ड किया जाना चाहिए और इसके लिए वह अलग से प्रस्ताव भी भेजने वाले थे। प्रशासन उन्हें आश्वासन दिया है कि अलग से प्रस्ताव भेजने की जरूरत नहीं है। 

निगम के प्रस्ताव पर जो भी फैसला होगा, वह एस्टेट ऑफिस पर भी लागू होगा। इस साल दो पर विभाग अपनी प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने का प्रयास कर चुका है लेकिन दोनों बार ही वह कर्मिशयल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में असफल रहा है। फ्री होल्ड रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की दोनों बार ही विभाग ने ऑक्शन की और इससे उसे अच्छा राजस्व भी प्राप्त हुआ।

इस बार भी ऑक्शन में रहा था असफल :
पिछले माह की गई कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में भी विभाग असफल रहा था। विभाग ने 14 कमर्शियल और 1 इंडस्ट्रीयल साइट को लीज होल्ड बेसिज पर ऑक्शन में रखा था लेकिन इनमें से किसी भी प्रॉपर्टी की वह ऑक्शन नहीं कर पाया था। 

जानकारों का मानना है कि चंडीगढ़ प्रशासन के नियम काफी सख्त है, इसलिए वह कमर्शियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में असफल होता है। लीज होल्ड प्रॉपर्टी पर कोई भी लोन सुविधा नहीं है। यहां पर कलैक्टर रेट्स काफी अधिक हैं। साथ ही लीज होल्ड प्रॉपर्टी पर 2.5 प्रतिशत ग्राऊंड रैंट के अलावा 18 प्रतिशत जी.एस.टी. भी है। यही कारण है कि लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की मांग पिछले काफी लंबे समय से चल रही है। 

निगम प्रॉपर्टी की ऑक्शन से सुधारना चाहता है वित्तीय हालत :
नगर निगम भी प्रॉपर्टी की ऑक्शन से ही अपनी वित्तीय हालत सुधारना चाहता है। निगम की शहर भर में प्रॉपर्टी खाली पड़ी है और लीज पर होने के चलते वह हर बार ही तरह उसकी ऑक्शन नहीं कर पाता है। सैक्टर-17, मौलीजागरां और शहर भर में अन्य जगह  निगम की काफी प्रॉपर्टी है। अगर इसकी ऑक्शन हो जाती है तो निगम को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सकता है। 

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