एस.डी. कॉलेज के प्रिंसिपल को मिली एक्सटैंशन

Edited By bhavita joshi,Updated: 19 Feb, 2019 09:13 AM

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पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्ष की पहली सिंडीकेट मीटिंग हंगामेदार रही, लेकिन एस.डी. कॉलेज-32 के  प्रिंसिपल के तौर पर डा. भूषण की रि-एम्प्लॉयमैंट देने के मुद्दे पर मुहर लग गई, जबकि पहले 60 वर्ष की सेवानिवृति के बाद  प्रिंसिपल पद पर रि-एम्प्लॉयमैंट देने के...

चंडीगढ़(रश्मि): पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्ष की पहली सिंडीकेट मीटिंग हंगामेदार रही, लेकिन एस.डी. कॉलेज-32 के  प्रिंसिपल के तौर पर डा. भूषण की रि-एम्प्लॉयमैंट देने के मुद्दे पर मुहर लग गई, जबकि पहले 60 वर्ष की सेवानिवृति के बाद  प्रिंसिपल पद पर रि-एम्प्लॉयमैंट देने के मुद्दे पर कुछ सीनेटर विरोध में थे। 

इस मुद्दे पर सिंडीकेट मेंबर जगदीप गड़दीवाला और डा. के.के. शर्मा, जगदीप ने विरोध किया। इस संबंध में एस.डी. कॉलेज प्रबंधन ने लिखा था कि जब तक नए  प्रिंसिपल का साक्षात्कार नहीं लिया जाता तब तक मौजूदा प्रिंसिपल डा. भूषण को ही प्रिंसीपल बना रहने दिया जाए। इस बारे में पी.यू. प्रबंधन ने लीगल ओपीनियन भी ली है। 

इस मौके पर सिंडीकेट सदस्यों ने डा.भूषण को एक्सटैंशन दे दी है। सिंडीकेट मेंबर जगदीप गड़दीवाला की एस.के. शर्मा से बहस भी हो गई। सीनेटर जगदीप ने क हा कि नियमों के तहत किसी सीनियर पोस्ट को भी प्रिंसिपल के पद का कार्यभार सौंपा जा सकता है। सिर्फ यह कह कर कि इस पद के लिए अभी तक तकनीकी कारणों से साक्षात्कार नहीं लिए जा सके हैं। एस.डी. कॅालेज काफी प्रतिष्ठित, इसलिए पद पर नियमों को तोड़कर किसी को एक्सटैंशन देना गलत है। सीनेटर के.के. शर्मा ने भी इस तरह से एक्सटैंशन दिए जाने को गलत कहा।
 
वहीं इसके विरोध में सीनेटर सुभाष शर्मा ने पी.यू. के चांसलर व उप-राष्ट्रपति वैकेया नायडु को पत्र भी लिखा था। सुभाष शर्मा ने कहा कि इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर एक्सटैंशन दिया जाने से साफ है कि पी.यू. के कैलेंडर की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पी.यू. में नियमों के तहत कोई भी काम नहीं होता है। इस मुद्दे के लिए स्पैशल सीनेट की बैठक बुलाई जाएगी, जिससे इस फैसले को वापस लिया जा सके। 

इस फैसले पर सिर्फ दो सिंडीकेट सदस्य ने विरोध जताया था। इससे साफ है कि बाकी सिंडिकेट सदस्य डा. भूषण को प्रिंसीपल पद पर एक्सटैंशन देना चाहते थे। सीनेटर सुभाष ने कहा कि वह इस बार में पी.यू. के वी.सी. डा. राजकुमार को पत्र लिखेंगे और दोबारा सीनेट करवाने की मांग करेंगे। 

यह है नियम
नियमों के तहत किसी भी शिक्षक को 60 वर्ष की उम्र के बाद एक्सटैंशन तो दी जा सकती है, लेकिन वह शिक्षक  के तौर पर ही। उसे किसी अधिकारिक पद या प्रिंसीपल पद पर एक्सटैंशन नहीं दी जा सकती है।

नई जैनरेशन को नहीं मिलेगा मौका: सिद्धू
सीनेेटर इंद्रपाल सिंह सिद्धू ने कहा कि इस तरह से 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद प्रिंसीपल के पद पर एक्सटैंशन देना गलत है। इस तरह से नई जैनरेशन को उसे मौका नहीं मिलेगा। युवाओं को काम करने का मौका नहीं मिल रहा है। यह पॉलिसी अजीब है। जब हमारे शिक्षण संस्थान ही सपोर्ट नहीं कर रहे हैं तो बाकी संस्थानों में इसका क्या फॉलो किया जाएगा। मैं शुरू से ही एक्सटैंशन देने के विरोध में हूं।

आर.के. सिंगला बनेंगे पी.यू. के डीन  
मीटिंग में डीन रिसर्च का पद भरने को लेकर बहस हुई। सिंडीकेट सदस्यों ने कहा किडीन रिसर्च  सीनियर मोस्ट को बनाया जाना चाहिए। वी.सी. ने कहा कि इस पद पर प्रोटोकाल के हिसाब से किसी उम्मीरवार को नियुक्ति कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक अब पी.यू. में नए डीन रिसर्चंकंप्युटर विभाग के आर.के. सिंगला बनेंगे। उनके साथ ओर लोगों को भी जोड़ा जाएगा। बता दें कि इससे पहले डीन रिसर्च प्रो. तोमर को नियुक्त किया गया था। लेकिन बाद में  सिंडीकेट के हंगामे के बाद उन्होंने पद से हटाना पड़ा था।

मल्होत्रा संभालेंगे  बोर्ड ऑफ फाइनैंस में बंसल की जगह 
बता दें कि सिंडीकेट की बैठक 27 जनवरी को होनी थी। लेकिन 26 जनवरी को सीनेटर आर.डी. बांसल की मृत्यु से बैठक स्थगित हुई थी। बंसल पहली बार ही बोर्ड ऑफ फाइनैंस के सदस्य बने थे। अब इनकी जगह सीनेटर केशव मल्होत्रा बोर्ड ऑफ फाइनैंस के सदस्य रहेंगे, जबकि अन्य बोर्ड ऑफ फाइनैंस के सदस्य प्रो. नवदीप गोयल और अशोक गोयल को चुना गया है। यह एक फरवरी 2019 से 31 जनवरी 2020  तक बोर्ड ऑफ फाइनैंस के सदस्य रहेंगे।

सरकार ने पी.यू. का बजट 6 फीसदी बढ़ाया
बता दें कि पंजाब सरकार ने पी.यू. का 6 फीसदी बजट बढ़ाया है। जिसका पी.यू. प्रबंधन  ने सरकार की प्रशंसा की है। सरकार को पी.यू. की रिसर्च के लिए और बजट  बढ़ाना चाहिए। बोर्ड ऑफ स्टडीज/कन्वीनर, जे.सी.एम. फोरमेशन को प्रो. नवदीप गोयल, अशोक गोयल और  डा. गुरदीप शर्मा हैड करेंगे। इसके अलावा 2019 की एग्जामिनेशन के तहत अगर कोई गड़बड़ी होती है तो इसके लिए स्टैंडिंग कमेटी का गठन भी यह टीम सदस्य करेंगे। वहीं ट्रांसजैंडर को फीसों में छूट मिलेगी। कुछ गाइड लाइन में बदलाव किया जाएगा। सीनेटर नरेश गौड़ ने सभी स्टूडैंट्स को धरना करने का अधिकार देने की बात भी कही। 

स्टूडैंट्स काऊंसिल के चारों स्टूडैंट्स की सहमति  जिनके पास होगी उनसे लॉ ऑडिटोरियम को अलॉट करवाने का किराया नहीं लिया जाएगा। एम.ए. इकोनॉमिक्स में एंट्रेंस टैस्ट लिया जाएगा। टैस्ट बी.ए. इकोनॉमिक्स के सिलेबस पर होगा। वहीं डा. भूषण को एक्सटैंशन दिए पर डा. गुरदीप शर्मा ने कहा कि 2014 में पी.यू. द्वारा बनाए गए नियम पर किया गया है। इस समय कुछ एक्सट्रा ऑडीनरी  सिचुएशन है। इसमें अभी साक्षत्कार नहीं लिए जा सके हैं। ऐसे में साक्षात्कार लिए जाने तक डा. भूषण प्रिंसिपल पद भार संभालेंगे।

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