Edited By pooja verma,Updated: 23 Aug, 2019 11:43 AM
पी.यू. में वीरवार को हुई सीनेट की बैठक में डी.एस.डब्ल्यू. को एक्सटैंशन नहीं दी गई।
चंडीगढ़ (रश्मि) : पी.यू. में वीरवार को हुई सीनेट की बैठक में डी.एस.डब्ल्यू. को एक्सटैंशन नहीं दी गई। प्रो. एम्नुअल नाहर डी.एस.डब्ल्यू. के पद पर तीन वर्ष पूरे कर चुके हैं। हालांकि कुछ सीनेटरों ने कहा कि उनकी सेवानिवृत्ति का आठ माह का कार्यकाल बचा है।
इसलिए उन्हें उतने समय के लिए एक्सटैंशन दे दी जानी चाहिए। बैठक में डी.एस.डब्ल्यू. वुमैन नीना कप्लाश और एसोसिएशन डी.एस.डब्ल्यू. प्रो. रंजन कुमार को भी एक्सटैंशन नहीं दी गई। बैठक में डी.एस.डब्ल्यू. की एक्सटैंशन और एन.एस.एस. कोऑर्डिनेटर को एक्सटैंशन दिए जाने के बाद लीगल ओपीनियन लेने पर खूब हंगामा हुआ।
बैठक की शुरूआत ही हंगामे से हुई। सीनेटर केशव मल्होत्रा, अशोक गोयल, प्रो. नवदीप गोयल, नरेश गौड़ ने कहा कि एन.एस.एस. कोऑर्डिनेटर प्रो. नवदीप शर्मा का एक्सटैंशन पास हो गया है। इस पर सुभाष शर्मा ने कहा कि सिर्फ आपके कहने से ही एक्सटैंशन का मुद्दा पास नहीं हो जाता।
नवदीप शर्मा के मामले में लीगल राय भी ली जाएगी
बैठक में वी.सी. प्रो. राजकुमार ने कहा कि सीनेटर नवदीप शर्मा को एक वर्ष के लिए एक्सटैंशन दी जा रही है, लेकिन उनके मुद्दे पर लीगल राय भी ली जाएगी। इस पर सीनेटर अनु चतरथ, केशव मल्होत्रा, अशोक गोयल , प्रो. नवदीप गोयल, हरप्रीत दुआ भड़क उठे। उनका कहना था कि वी.सी. अपना फैसला थोप रहे हैं। सिंडीकेट व सीनेट सदस्यों की बात नहीं सुन रहे हैं।
वह बहस करते-करते वी.सी. के सामने जाकर खड़े हो गए। काफी देर चले हंगामे के बाद वी.सी. साढ़े बारह बजे बैठक छोड़कर चले गए और करीब एक बजकर दस मिनट पर लौटे। इस पर भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि लीगल ओपीनियन लेने का मतलब यह नहीं कि उनके पद को खत्म किया जा रहा है। लीगली राय तो वैसे भी ली जा सकती है। जब प्रो. नवदीप शर्मा एक्सटैंशन नहीं रोकी जा रही तो इसको इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है।
तीन नाम रिकमैंड कर देने चाहिए
सीनेटर आर.एस. झांजी ने कहा कि डी.एस.डब्ल्यू. एक बड़ा पद है जो सारे स्टूडैंट के मुद्दों को देखता है। वी.सी. अगर किसी ओर के साथ कोआर्डिनेट करना चाहते हैं, वह भी डी.एस.डब्ल्यू. की टर्म खत्म होने का बाद तो इसमें किसी को क्या एतराज है।
सीनेटर मुकेश ने कहा कि आपको डी.एस.डब्ल्यू. को लेकर तीन नाम रिकमैंड कर देने चाहिए और उन्हें अगली सिंडीकेट में लाना चाहिए। सीनेटर राजिंद्र भंडारी ने कहा कि वी.सी. ने जब कुछ रिकमैंड ही नहीं किया तो सिंडीकेट में इस पर चर्चा ही क्यों हुई।
एक्सटैंशन न मिलने पर की नारेबाजी
प्रो. नाहर को एक्सटैंशन नमिलने पर अशोक गोयल ग्रुप , प्रो. नवदीप गोयल, जरनैल सिंह,डी.पी.एस. रंधावा अनु चरतरथ ने जमकर इसका विरोध किया और नारेबाजी की। इस दौरान सीनेटर नरेश गौड़ रोष जताते हुए जमीन पर बैठ गए।
हालांकि वी.सी .प्रो. राजकुमार ने इस पर ध्यान न देते हुए बाकी बचे तीन एजैंडों पर चर्चा की। प्रो. गुरमीत ने कहा कि आज हाऊस में इतने अधिकारी मौजूद थे यहां पर पी.यू. के लिए नए प्रोजैक्ट व शिक्षकों के सातवें पे कमीशन पर चर्चा चाहिए थी, लेकिन यहां पर बहस के अलावा कुछ नहीं हुआ है।
वी.सी. राइट-राइट करना जानते हैं
बहस के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि वी.सी. प्रो. राजकुमार हर बात पर राइट-राइट कहते हैं, लेकिन उन्हें यहां के नियम कायदे नहीं पता।
बैठक में पहुंचे 75 सीनेटर
सीनेट में 75 सीनेटर पहुंचे थे। सांसद के चुनावों के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बांसल, सांसद किरण खेर और भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन भी पहुंचे थे। वहीं पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा व खुराक एवं सिविल सप्लाई मंत्री भरत भूषण आशु शामिल हुए। लंबे अरसे बाद इतने सदस्य पहुंचे थेे।
ए.बी.वीपी को चुनावों में फायदा देने के लिए हटाया डी.एस.डब्ल्यू. को: प्रो. गोयल
वी.सी. अपने स्तर पर किसी डी.एस.डब्ल्यू. का चयन नहीं कर सकते, जब तक कि सिंडीकेट और सीनेट की फाइनल मुहर डी.एस.डब्ल्यू. के नाम पर न लग जाए। वह सिर्फ चार्ज दे सकते हैं। यह कहना है सीनेटर प्रो. नवदीप गोयल का। सीनेट के बाद हुई प्रैस काफ्रैंस में सीनेटर प्रो. नवदीप गोयल ने आरोप लगाया
कि स्टूडैंट काउंसिल के चुनावों को ए.बी.वी.पी. को जिताने के लिए डी.एस.डब्ल्यू. को हटाया गया है, ताकि अगर ए.बी.वी.पी. चुनावों से पहले कोई भी वायलेशन करता है तो उनको बचाया जा सके। जब 48 सीनेटरों ने डी.एस.डब्ल्यू. न बदलने के लिए हस्ताक्षर कर दिए थे तो भी वी.सी. प्रो. राजकुमार नहीं माने। न ही वह वोटिंग करवाने के लिए माने।