अनाज भंडारण के लिए अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल करेगा हैफेड : डा. बनवारी लाल

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 13 Jul, 2022 07:17 PM

farmers will be given training in technology and marketing of the product

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि अनाज के उचित भंडारण और उसे खराब होने से बचाने के लिए विदेशों में अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हीं तकनीकों का अध्ययन करने के लिए उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार का एक...

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि अनाज के उचित भंडारण और उसे खराब होने से बचाने के लिए विदेशों में अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हीं तकनीकों का अध्ययन करने के लिए उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल यूरोप के देश इटली और जर्मनी का दौरा करके आया है। वहां से प्राप्त जानकारियों की अब एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपी जाएगी, ताकि यहां भी हैफेड में अनाज भंडारण के लिए अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जा सके। डा. बनवारी लाल बुधवार को हरियाणा सचिवालय में प्रैसवार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने इटली और जर्मनी में अनाज को खराब होने से बचाने के लिए किस तरह साइलो में भंडारण किया जाता है, इस तकनीक को अच्छे से समझा। इसके साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल ने उन किसानों से भी बातचीत की, जिनका अनाज खेत से सीधे साइलो में पहुंचता है। भविष्य में इन अत्याधुनिक साइलो को हरियाणा में भी स्थापित किया जाएगा। 
 

 

ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़े किसान
डा. बनवारी लाल ने कहा कि इटली और जर्मनी में किसान ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारे यहां भी किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढऩा चाहिए। शुरूआत में इस खेती से पैदावार जरूर कम होती है लेकिन प्रदेश सरकार अलग-अलग योजनाओं के तहत किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। भविष्य में यदि किसान ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ते हैं तो इस तरफ भी प्रदेश सरकार कोई नई योजना लेकर आ सकती है। इससे आमदनी के साथ-साथ लोगों को अच्छा स्वास्थ्य भी मिलेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की फूड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने भी भारत में खेती से संबंधित तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। उनका मानना है कि बड़े किसानों के साथ-साथ छोटे किसानों को भी पैदावार से लेकर नई-नई तकनीक का प्रशिक्षण, उत्पाद को बेचने के लिए मार्कीटिंग आदि का प्रशिक्षण देना चाहिए। प्रदेश सरकार भी भविष्य में विदेशी संगठनों के सहयोग से इस विषय पर काम करेगी। 
 

 

कांट्रैक्ट फाॄमग भी किसानों के लिए बेहतर विकल्प
सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि कांट्रैक्ट फाॄमग भी किसानों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। विदेशों में बहुत से किसान समूह बनाकर खेती करते हैं, जिसमें खेती से जुड़े अलग-अलग काम को श्रेणियों में विभाजित कर पूरा किया जाता है। हमारे यहां भी किसानों को कांट्रैक्ट फाॄमग के साथ-साथ समूह बनाकर खेती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांट्रैक्ट फाॄमग में सोलर प्लॉट, राइस प्लॉट, गेहूं प्लॉट आदि लगाकर भी मुनाफा कमाया जा सकता है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस दौरे के दौरान उन्होंने यह भी देखा कि विदेश में सरसों की तरह के पौधे रेपसीड से तेल, खल और बॉयो डीजल बनाया जाता है। हमने भी प्रदेश में सरसों पर शोध करके बॉयो डीजल के विकल्प को तलाशने का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि किसानों मुनाफा कमाने के लिए अपनी फसल को सीधे मंडी या बाजार में बेचने की बजाय खुद एफ.पी.ओ. बनाकर फूड प्रोसैसिंग यूनिट स्थापित कर सकते हैं। सरकार ऐसी फूड प्रोसैसिंग यूनिट को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में उत्पाद आधारित खंड स्तरीय कलस्टर स्थापित कर रही है। 

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