अब फाइल पैंडिंग होने का एक दिन पहले लग जाएगा पता

Edited By Priyanka rana,Updated: 07 Oct, 2019 09:42 AM

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चंडीगढ़ प्रशासन के एस्टेट ऑफिस में अब कोई भी फाइल पैंडिंग हुई तो उसका एक दिन पहले ही पता लग जाएगा। फाइल ट्रैकिंग सिस्टम को और प्रभावशाली बनाने के लिए विभाग द्वारा ये नया सिस्टम लागू किया है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन के एस्टेट ऑफिस में अब कोई भी फाइल पैंडिंग हुई तो उसका एक दिन पहले ही पता लग जाएगा। फाइल ट्रैकिंग सिस्टम को और प्रभावशाली बनाने के लिए विभाग द्वारा ये नया सिस्टम लागू किया है। 

इससे अब फाइल पैंडिंग होने पर उसी दिन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करके उसे क्लीयर करवाया जा सकेगा। इससे लोगों का काम भी जल्दी हो सकेगा, वहीं फाइल में देरी न होने के चलते अधिकारी भी कार्रवाई से बच सकेंगे। विभाग के इस काम से अब फाइलों की पैंडैंसी में भी कम आई है। 

फाइलों की डैडलाइन सभी विभागों के काम के हिसाब से तय की :
इस संबंध में असिस्टैंट एस्टेट ऑफिसर मनीष लोहान ने बताया कि उनके फाइल ट्रैकिंग सिस्टम के तहत अब सॉफ्टवेयर एक दिन पहले ही फाइल की पैंडैंसी दिखाने लग जाता है। अब सभी फाइलों को समय पर निपटारा करने में उन्हें सहायता मिल रही है। 

विभाग ने नैशनल इन्फार्मेटिक्स सैंटर द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर को जुलाई में शुरू किया था। इससे एस्टेट ऑफिस के अलग-अलग विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों को मॉनिटर किया जा रहा है। इस सिस्टम की शुरुआत राइट टू सर्विस एक्ट और सिटीजन चार्टर की पालना के लिए किया गया है, क्योंकि विभाग हमेशा ही फाइलों की पैंडैंसी के चलते विवादों में रहा है। फाइलों की डैडलाइन सभी विभागों के काम के हिसाब से तय की गई है। 

पालना न करने पर होगी कार्रवाई :
अगर तय समय के अंदर किसी भी फाइल का निपटारा नहीं किया जाएगा तो सबसे पहले संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके आगे इसमें बर्खास्तगी से निलंबन तक की कार्रवाई की जाती है। नए सिस्टम में आवेदन के लिए डॉक्यूमैंट्स की चैकलिस्ट भी अनिवार्य कर दी गई है, जिन्हें उसे फाइल के साथ प्रदान करना होता है। अधिकारी बिना चैकलिस्ट के फाइल को स्वीकार नहीं कर सकेगा। 

फाइलों की पैंडैंसी भी हुई कम :
इस सिस्टम से विभाग में फाइलों की पैंडैंसी भी पहले से कम हो गई है। पहले जहां एक  हजार के करीब फाइलें पेंडिंग पड़ी थी, विभाग उसे 200 फाइलों तक ले आया है। इन फाइलों को भी जल्द क्लीयर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2011 से लेकर 2017 के पुराने केस भी निकाले जा रहे हैं। ऐसे पुराने केस कम होंगे। यही कारण है कि विभाग इसे साथ के साथ क्लीयर करने का प्रयास कर रहा है। 

बता दें कि इससे पहले विभाग ने चार अधिकारियों को तय समय के अंदर फाइल के साथ डील न करने के चलते आटोमैटिक शोकॉज नोटिस जारी किया था। फाइल क्लीयर करने की फिक्स डैडलाइन की पालना न करने के चलते ही विभाग के दो बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी और दो ग्रुप 2 ब्रांच के अधिकारियों को ये नोटिस भेजा गया था। 

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