Edited By Priyanka rana,Updated: 26 May, 2019 08:36 AM
गुजरात के सूरत में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर चल रहे कोचिंग सैंटर में आग लगने से 21 बच्चों की मौत के बाद पंचकूला नगर निगम ने दमकल विभाग के साथ मिलकर 28 कोचिंग इंस्टीच्यूटों पर छापे मारे और उन्हें नोटिस थमा दिए।
पंचकूला(मुकेश) : गुजरात के सूरत में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर चल रहे कोचिंग सैंटर में आग लगने से 21 बच्चों की मौत के बाद पंचकूला नगर निगम ने दमकल विभाग के साथ मिलकर 28 कोचिंग इंस्टीच्यूटों पर छापे मारे और उन्हें नोटिस थमा दिए। साथ ही उन्हें पांच दिन का समय देकर नियमों को पूरा करने के लिए कहा, उसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट में दायर कर दिया जाएगा।
इस बारे में नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी (ई.ओ.) जरनैल सिंह ने बताया कि ऐलन, आकाश इंस्टीच्यूट जैसे बड़े शिक्षण संस्थान भी बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिन्हें नोटिस दे दिया गया है। लापरवाही पर 6 महीने की सजा और जुर्माना हो सकता है।
यहां सबसे ज्यादा कोचिंग इंस्टीच्यूट्स :
लगभग सभी सैक्टरों के शोरूमों के टॉप फ्लोर्स पर कोचिंग सैंटर्स हैं। इनमें सैक्टर-4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 12ए, 14, 15, 16, 17, 20, 21, 25, 26 सहित अन्य सैक्टरों की मार्कीट के शोरूमों के टॉप फ्लोर पर कोचिंग सैंटर चलाए जा रहे हैं।
पंचकूला में 100 से ज्यादा कोचिंग सैंटर :
शहर में करीब 100 से ज्यादा कोचिंग सैंटर इस समय चल रहे हैं। कुछ दिन पहले निगम की ओर से शराब के ठेकों व होटलों की चैकिंग की गई थी कि वहां पर फायर सेफ्टी के साधन हैं या नहीं, लेकिन कोचिंग सैंटरों में पढऩे वाले हजारों बच्चों की कोई उन्हें चिंता नहीं है।
रोज सुबह से लेकर शाम तक हजारों बच्चे टॉप फ्लोर्स पर अलग-अलग बैचों में कोचिंग लेने जाते हैं। इसके अलावा शोरूम की बैक साइड में वेंटिलेशन की जगह को भी कई शोरूम मालिकों द्वारा ब्लॉक किया गया है। ऐसे में आग बुझाने में फायर विभाग के कर्मियों को काफी परेशानी होती है।
कोचिंग इंस्टीच्यूट्स टॉप फ्लोर पर :
शहर के ज्यादातर इंस्टीच्यूट और कोचिंग सैंटर टॉप फ्लोर पर चलाए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर कोचिंग सैंटर्स में आग लगने पर बचाव के साधन नहीं हैं। जिस निगम के फायर विंग को इन सभी कोचिंग सैंटरों की चैकिंग कर उसमें फायर सिस्टम व आग से बचाव के साधन सुनिश्चित करने चाहिए, उसने पिछले सालभर में इनकी चैकिंग तक नहीं की।