पंजाब के MLA के लिए भी IT पार्क में बनेंगे फ्लैट्स

Edited By Priyanka rana,Updated: 09 Jan, 2020 08:42 AM

flats will also be built in it park for mla of punjab

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) द्वारा आई.टी. पार्क में आलीशन फ्लैट्स का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसमें अभी अधिकारियों के साथ ही पंजाब सरकार ने अपने एम.एल.ए. के लिए भी फ्लैट्स लेने की इच्छा जताई है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) द्वारा आई.टी. पार्क में आलीशन फ्लैट्स का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसमें अभी अधिकारियों के साथ ही पंजाब सरकार ने अपने एम.एल.ए. के लिए भी फ्लैट्स लेने की इच्छा जताई है। 

पंजाब ने एम.एल.ए. के लिए दो टॉवर बनाने की डिमांड यू.टी. को भेजी है, जिसे पंजाब के राज्यपाल व यू.टी. प्रशासक ने अप्रूव कर दिया है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और यू.टी. के अधिकारियों के लिए भी यहां फ्लैट्स का निर्माण करवाया जाना है। यहां पंजाब, हरियाणा व यू.टी. प्रशासन प्रत्येक ने 28-28 फ्लैट्स अपने अधिकारियों के लिए खरीदने हैं और प्रत्येक अधिकारी को ये करीब दो करोड़ में पड़ेगा। दो टावर में 56 फ्लैट्स अब एम.एल.ए. के लिए भी बनाए जाएंगे। 

सी.एच.बी. के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पंजाब ने अधिकारियों के बाद अपने एम.एल.ए. के लिए भी फ्लैट्स का निर्माण करवाने के लिए उनके पास रिक्वेस्ट भेजी थी, जिसे यू.टी. प्रशासक ने अप्रूव कर दिया है। ये आलीशन फ्लैट्स होंगे, क्योंकि इसके बैस्ट डिजाइन के लिए बोर्ड द्वारा डिजाइन कंपीटिशन भी करवाया जा रहा है। 

6.73 एकड़ में अधिकारियों के लिए होंगे फ्लैट्स :
बोर्ड ने 6.73 एकड़ एरिया में अधिकारियों के लिए फ्लैट्स का निर्माण करवाना है। एक टावर में 28 फ्लैट्स अधिकारियों के लिए होंगे, जबकि 28 ई.डब्ल्यू.एस. फ्लैट्स दूसरे टॉवर में सर्वेंट क्वार्टर होंगे। 

इस तरह दोनों राज्यों और यू.टी. को 28-28 फ्लैट्स के लिए टैक्स सहित कुल राशि 66 करोड़ प्रत्येक को देनी होगी। एम.एल.ए. फ्लैट्स का निर्माण भी कुछ इसी तर्ज पर करवाया जा रहा है। बता दें कि पंजाब सरकार के पास इस समय एम.एल.ए. के लिए फ्लैट्स की कमी है। यही कारण है कि एम.एल.ए. हॉस्टल में कई एम.एल.ए. को ठहराया जाता है। 

फोर बैडरूम और एक सर्वेंट क्वार्टर होगा :
अधिकारियों के लिए बनने वाले प्रत्येक फ्लैट में फोर बैडरुम और एक सर्वेंट क्वार्टर भी होगा। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार अब तीनों फ्लैट्स खरीदने के लिए राजी हो गए हैं, इसलिए उन्होंने ड्राइंग तैयार करने का काम शुरु कर दिया है। जैसे ही अमाउंट डिपॉजिट करवा दिया जाता है। वह निर्माण कार्य भी शुरु करवा देंगे। 

2006 में सी.एच.बी. ने यह 123 एकड़ जमीन पाश्र्वनाथ डिवैल्पर्स लिमिटेड (बिल्डर) को अलॉट की थी पर किन्हीं कारणों से बिल्डर इस जमीन को डिवैल्प नहीं कर पाया और उसने अपने पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए। उसके बाद बिल्डर कोर्ट चला गया। 2015 में सी.एच.बी. ने बिल्डर को 527 करोड़ रुपए लौटाकर जमीन वापस ले ली।

तो पंजाब-हरियाणा ने सी.एच.बी. को फ्लैट बनाने को कहा :
आई.टी. पार्क की बेशकीमती जमीन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 8.23 एकड़ की हॉस्पिटल साइट का लीज होल्ड बेस पर रिजर्व प्राइज 344.3 करोड़ रुपए रखा गया था। रैजीडैंशियल प्लॉट को फ्री होल्ड बेस पर नीलाम किया जाना तय हुआ था। 

4.55 एकड़ के प्लॉट का रिजर्व प्राइज 181.39 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था। अभी तक की सबसे महंगी डील इसे माना जा रहा था। बावजूद इसके किसी भी खरीददार ने रूचि नहीं दिखाई। जिस कारण बाद में सी.एच.बी. ने पंजाब और हरियाणा सरकार के सामने उनके लिए फ्लैट्स बनाने का ये प्रस्ताव रखा था।

पी.जी.आई. ने भी दो टावर खरीदने में दिखाई रुचि :
पी.जी.आई. ने भी अपने डॉक्टरों के लिए चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के प्रोजैक्ट में दो टावर खरीदने की रुचि दिखाई है। डॉक्टरों के आवास के लिए पी.जी.आई. डायरैक्टर ने प्रशासक के समक्ष ये मुद्दा उठाया है, क्योंकि सी.एच.बी. द्वारा पंजाब, हरियाणा और यू.टी. के अधिकारियों के लिए आई.टी. पार्क में फ्लैट्स बनाए जाने हैं।

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