फ्लाईओवर न मास्टर प्लान में, न ही इसकी जरूरत

Edited By pooja verma,Updated: 24 Dec, 2019 10:57 AM

flyover neither in plan nor is it needed

ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर सोमवार को यूटी प्रशासक के सलाहकार मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में लोगों की राय जानने के लिए पब्लिक हियरिंग रखी गई,  जिसमें अधिकतम लोगों ने फ्लाईओवर के खिलाफ अपनी राय दी है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र ): ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर सोमवार को यूटी प्रशासक के सलाहकार मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में लोगों की राय जानने के लिए पब्लिक हियरिंग रखी गई,  जिसमें अधिकतम लोगों ने फ्लाईओवर के खिलाफ अपनी राय दी है। लोगों का कहना था कि फ्लाईओवर शहर की जरुरत नहीं है और ये शहर के मास्टर प्लान के तहत भी सही नहीं है। 

 

फ्लाईओवर की जगह ट्रैफिक मैनेजमैंट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और स्मार्ट ट्रैफिक लाइटिंग सिस्टम पर विचार किया जाना चाहिए। लोगों का कहना था कि  फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशे जाने चाहिए। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या कम होने की जगह और बढ़ जाएगी। वहीं कई लोगों ने शहर की डेवलपमेंट क ो लेकर फ्लाईओवर को वर्तमान समय की जरुरत भी बताया है।

 

पूर्व चीफ आर्किटैक्ट ने कहा, विदेशों में तो फ्लाईओवर गिराकर और समाधान ढूंढे जा रहे हैं
पूर्व चीफ आर्किटैक्ट सुमित कौर ने भी फ्लाईओवर के खिलाफ ही अपनी बात रखी। उन्होंने हियरिंग के दौरान कहा कि प्रशासन को चाहिए कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को  प्रमोट किया जाए, न कि पर्सनल ट्रांसपोर्ट को। विदेशों में भी बड़े-बड़े शहरों ने फ्लाईओवर से जाम की समस्या बहुत पहले ही खत्म  करने की कोशिश की, जिसमें वह असफल रहे और अब वह इन्हें गिराकर ही अन्य विकल्प चुनकर समाधान ढूंढ रहे हैं। 

 

उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में फ्लाईओवर  का जिक्र नहीं है और उन्हें उसी के अनुरुप काम करना चाहिए। फ्लाईओवर कुछ समय के लिए समस्या का समाधान करेगा, लेकिन ये कई नई समस्याएं शामिल भी क र देगा। फ्लाईओवर की हाइट शहर की बिल्डिंग्स से भी ऊपर चली जाएगी, जो शहर के स्टेटस के ही खिलाफ हो जाएगा। इससे अर्बन बिल्डिंग प्लान के साथ भी  समझौता किया जाएगा व इससे शहर दो भागों में बंट जाएगा, जो सही नहीं है।

 

ये सब भी खिलाफ  
हरमीत सिंह ने कहा कि फ्लाईओवर की जरुरत नहीं है। राउंट अबाउट में टाइम वेस्ट होता है, जिससे छुटकारे के लिए ऑटोमेटिक सिग्नल्स लगाए जाने चाहिए,  जिससे ये समस्या हल होगी। साथ ही प्रमुख सैक्टरों की तरफ स्लिप रोड निकालनी चाहिए। सेक्टर-45 आर.डब्ल्यू.ए. के जनरल सैके्रटरी हरिबंस गर्ग ने कहा कि फ्लाईओवर की जगह एक और रोड बनानी चाहिए, तांकि ट्रैफिक कम हो सके। रोड़ बनने से जो पेड़ हटाए जाएं, उनकी जगह नए पेड़ लगाए जाने चाहिए। 

 

प्रशासन के पास पहले ही पैसे की कमी है, इसलिए उसका सही उपयोग होना चाहिए और इस पैसे से शहर की सड़कों की रिकारपेंटिंग की जानी चाहिए।  वहीं शहरवासी गौतम ने कहा कि स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमैंट सॉल्यूशन पर काम करना चाहिए, उससे पहले ही पता लग जाएगा कि किस तरह से ट्रैफिक फ्लो अधिक आ रहा है। 

 

एन.के. जिंगल ने कहा कि ये वर्तमान ट्रैफिक को कंट्रोल करेगा, लेकिन फ्लाईओवर से और अधिक ट्रैफिक आएगा। जहां कहीं भी फ्लाईओवर बने हैं, वहां की हालत देखी जा सकती है। इससे ग्रीन कवर भी खत्म किया जाएगा, जो गलत है। इसकी जगह कार पूलिंग, साइकिल ट्रैक व कर्मचारियों के लिए बस सर्विस ऐसे सभी विकल्प पर काम करना चाहिए।  रीटा कोहली ने कहा कि जहां कहीं भी फ्लाईओवर बने हैं, वहां सड़क हादसे बढ़े हैं, इसलिए फ्लाईओवर बनाने की जरुरत नहीं है।

 

हाईकोर्ट को लोगों की राय से अवगत करवाएंगे : परिदा
एडवाइजर मनोज कुमार परिदा ने कहा कि उन्होंने लोगों की राय जानने के लिए ये पब्लिक हियरिंग रखी थी, जिसमें अधिकतम लोगों ने अपनी राय रखी है। वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को लोगों की इस राय के संबंध में अवगत करवाएंगे। इसके अलावा उनका मकसद लोगों से अन्य विकल्प तलाशना था, जिसे भी वह अपने प्रोजैक्ट्स में शामिल करेंगे। 

 

जीरकपुर की तरह फ्लाईओवर नहीं चाहिए, दिल्ली एम्स जैसे बनाएं 
कई लोगों ने फ्लाईओवर को लेकर अपनी प्रेजेंटेशन भी दी। तरूण माथुर ने कहा कि जीरकपुर जैसा फ्लाईओवर नहीं बनाया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें दिल्ली एम्स जैसा फ्लाईओवर चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे हैरीटेज की वायलेशन भी नहीं होगी, क्योंकि फ्लाईओवर की हाइट कम रहेगी। 

 

इसका बजट भी कम होगा और करीब 50 करोड़ रुपए से इस प्रोजैक्ट को पूरा किया जा सकेगा। इससे सिर्फ 40 पेड़ काटने पड़ेंगे, जिससे ग्रीन कवर को भी अधिक नुक्सान नहीं होगा। इससे अगले 40 साल तक की ट्रैफिक समस्या से निपटा जा सकेगा। इसके अलावा कई छात्रों ने भी वैकल्पिक समाधान के प्रति अवगत करवाया।

 

अधिकतम ट्रेडर्स समर्थन में, बोले- एक नहीं दो-तीन फ्लाईओवर चाहिए
मनोनीत पार्षद एवं व्यापारी चरणजीव सिंह ने कहा कि शहर की डिवैल्पमैंट और ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर समय की जरुरत है। इसके अलावा यहां से पेड़ हटाए जाएं, उन्हें रिप्लांट करवाया जाना चाहिए। साथ ही यहां पर नये पेड़ भी लगाए जाने चाहिए। बंसल ने कहा कि चंडीगढ़ आते-आते जो गाड़ी 80 स्पीड पर आ रही होती है, वह 20 की स्पीड पर हो जाती है। जाम की समस्या के हल के लिए फ्लाईओवर बनना चाहिए। यशपाल महाजन ने भी फ्लाईओवर का स्पोर्ट किया है। इसके अलावा शहर निवासी विर्क ने कहा कि हमें एक नहीं बल्कि दो और फ्लाईओवर चाहिए। 

 

मुखर्जी बोले, बाईपास बनाए जाने चाहिए
पूर्व मनोनीत पार्षद पल्लव मुखर्जी ने कहा कि इस फ्लाईओवर की जरुरत नहीं है। इसकी जगह हाई कैपेसिटी बसों की तरफ ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा ट्रैफिक  मैनेजमैंट से भी यहां जाम से छुटकारा पाया जा सकता है, इसलिए वह इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं इंदरजीत घई ने कहा कि ऐसे प्रोजैक्ट्स पर काम करना चाहिए, जो  50 साल तक काम करें। 

 

जब तक चंडीगढ़ से बाईपास नहीं बनाए जाएंगे, तब तक ये समस्या हल नहीं होगी। सिर्फ फ्लाईओवर से समस्या हल होने वाली नहीं है। विनोद वशिष्ठ ने कहा कि शहर की पहचान ग्रीन कवर, राउंड अबाउट और सेनीटेशन से बनती है। हल्लोमाजरा से अंडर पास बनाए जाने चाहिए। 

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