बच्चों की इस दुलर्भ बीमारी के कारण नहीं विकसित होती है फूड पाइप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 09:40 AM

food pipe

ट्रैकियल इसोफेगल फिस्टुला वह बीमारी जिसमें नवजात न तो सही दूध पी पाता है और एक वर्ष तक ढंग से कुछ खा भी नहीं पाता है।

चंडीगढ़(पाल) : ट्रैकियल इसोफेगल फिस्टुला वह बीमारी जिसमें नवजात न तो सही दूध पी पाता है और एक वर्ष तक ढंग से कुछ खा भी नहीं पाता है। डाक्टर्स की मानें तो इस बीमारी में जन्म से बच्चे की फूड पाइप सही से नहीं विकसित नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से बच्चा जब भी कुछ खाता है तो वह खाना बच्चा पचा नहीं पाता है। 

 

वहीं खाना बच्चे के फूड पाइप के जरिए मुंह से बाहर निकलता रहता है। पी.जी.आई. एडवांस सैंटर सर्जरी विभाग के डा. महाजन की मानें तो यह बीमारी बच्चों में होने वाली दुलर्भ बीमारी है। इसका इलाज सर्जरी ही है। पिछले वर्ष पी.जी.आई. में ऐसे 19 बच्चों की सर्जरी कर उन्हें ठीक किया गया है। 

 

पी.जी.आई. पूरे देश में इकलौता ऐसा अस्पताल है जहां इतनी बड़ी संख्या में इस बीमारी के बच्चों की सर्जरी की गई है। डा. महाजन की माने तो नॉर्थ में इस बीमारी से के ज्यादा अच्छे एक्सपर्ट डाक्टर नहीं हैं जिसके कारण आसपास के राज्यों के मरीज भी पी.जी.आई. में ही रैफर किए जाते हैं। 

 

सर्जरी ही एकमात्र इलाज :
तीन हजार से बच्चों में से एक बच्चे में यह बीमारी पाई जाती है। डाक्टर्स की माने तो शुरूआती दौर में इस बीमारी की पहचान काफी मुशकिल होती है। मुंह से झाग आना व बच्चे के मुंह से बहुत ज्यादा थूक आना इस बीमारी के लक्षणों में शामिल है। 

 

सर्जरी ही एकमात्र इस बीमारी का इलाज तो है ही साथ ही इस बीमारी में फॉलोअप बहुत जरूरी है अगर फॉलोअप न हो तो और बीमारी होने के चांस बढ़ जाते हैं बच्चों की इस दुर्लभ बीमारी में उन्हें दूसरी बीमारी होने के चांस भी होते है दिल, बैकबोन किडनी व दूसरे ऑर्गन्स को भी काफी नुक्सान पहुंच जाता है वहीं अगर इस बीमारी के होने की बात करे तो फैमिली हिस्ट्री व एनवॉयरमैंट भी इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है। 
 

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