Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 22 May, 2022 10:00 PM
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का लाइसैंस रद्द कर सरकार ने बिल्डर लॉबी को स्पष्ट संदेश दिया है। वहीं हुड्डा सरकार में आबंटित जमीन की जांच करवाकर कार्रवाई करने के अपने वायदे को भी पूरा किया...
चंडीगढ़,(बंसल): कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का लाइसैंस रद्द कर सरकार ने बिल्डर लॉबी को स्पष्ट संदेश दिया है। वहीं हुड्डा सरकार में आबंटित जमीन की जांच करवाकर कार्रवाई करने के अपने वायदे को भी पूरा किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व ओ.एस.डी. एवं भाजपा नेता जवाहर यादव ने रविवार को कहा कि पिछली हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रॉपर्टी डीङ्क्षलग का जमकर धंधा किया। किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीनों का अधिग्रहण किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दरबार में अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुग्राम की बेशकीमती जमीन रॉबर्ट वाड्रा को कौडिय़ों के भाव दे दी।
जवाहर यादव ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इस पूरे मामले की जांच करवाने का वायदा किया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने अपने कार्यकाल में जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन किया। कैग की रिपोर्ट में भी इस जमीन का आबंटन गलत पाया गया। रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने अपनी जमीन महंगी कीमतों पर डी.एल.एफ. को बेच दी थी और वह अपनी जमीन का कमॢशयल लाइसैंस न केवल बिल्डर कंपनी का नाम करवाना चाहते थे बल्कि उसके नवीनीकरण के भी प्रयास में थे। भाजपा सरकार ने नियमों के विपरीत किसी भी कार्य को स्वीकार नहीं किया और जांच में अनियमितताएं पाए जाने तथा निर्धारित समय अवधि में कमॢशयल लाइसैंस का इस्तेमाल नहीं कर पाने की वजह से इसे रद्द कर दिया है। इससे भाजपा ने अपना वायदा तो पूरा किया ही साथ ही बिल्डर लॉबी को भी यह संदेश दिया कि वह किसी तरह के दबाव में आने वाली नहीं है।