चंडीगढ़ फोरलेन के प्रस्ताव को केंद्र ने किया रिजैक्ट, सिक्सलेन ही बनेगा ट्रिब्यून फ्लाईओवर

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Jul, 2019 09:07 AM

four lane proposal rejected by center

चंडीगढ़ के पहले फ्लाईओवर के लिए यू.टी. प्रशासन ने सिक्सलेन के लिए कंपनियों के आगे न आने के चलते इसे फोरलेन बनाने की मंत्रालय से मांग की थी

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ के पहले फ्लाईओवर के लिए यू.टी. प्रशासन ने सिक्सलेन के लिए कंपनियों के आगे न आने के चलते इसे फोरलेन बनाने की मंत्रालय से मांग की थी, जिसे मिनिस्ट्री ने रिजैक्ट कर दिया है। मिनिस्ट्री ने साफ कर दिया है कि फ्लाईओवर को हर हालत में सिक्सलेन ही बनाया जाना चाहिए। 

यू.टी. के इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट ने इस संबंध में मिनिस्ट्री को प्रस्ताव भेजा था कि सिक्स लेन की कॉस्ट अधिक आने के चलते कंपनियां काम करने में रुचि नहीं दिखा रही हैं। इस संबंध में प्रशासक के सलाहकार मनोज कुमार परिदा ने बताया कि इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट ने डिमांड की थी कि फ्लाईओवर को सिक्सलेन की जगह फोरलेन किया चाहिए, ताकि अधिकतर कंपनियां इसे बनाने में आगे आएं। इस संबंध में मिनिस्ट्री को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे रिजैक्ट कर दिया गया है।

दोबारा होगा टैंडर :
अब इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट फ्लाईओवर को सिक्सलेन बनाने के लिए ही दोबारा टैंडर करेंगे। पिछले वर्ष ही मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने डी.पी.आर. को मंजूरी दी थी और इसी मंजूरी से ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर बनने का रास्ता साफ  हुआ था। 

प्रशासन इसके लिए ही पिछले काफी समय से इंतजार कर रहा था। प्रशासन का प्रयास है कि फ्लाईओवर के मेन वर्क और स्टार्म वाटर ड्रेनेज सीवर व वाटर लाइन को शिफ्ट करने के काम को एक साथ पूरा किया जाए, लेकिन देरी होने के चलते ये होता दिखाई नहीं दे रहा है।

फ्लाईओवर की लंबाई कर दी थी कम :
पहले डी.पी.आर. जो यू.टी. प्रशासन ने तैयार की थी। उस पर मिनिस्ट्री ने ऑब्जेक्शन लगा दी थी। सबसे बड़ी आब्जेक्शन फ्लाईओवर की लंबाई को लेकर थी। जिस वजह से कंस्ट्रक्शन कोस्ट भी काफी ज्यादा आ रही थी। अब इसकी लंबाई को 6.5 किलोमीटर से घटाकर 1.6 किलोमीटर कर दिया गया है। जो रेलवे ओवरब्रिज से स्टार्ट होकर गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 तक जाएगा। 

ट्रिब्यून चौक पर अंडरपास भी बनाया जाएगा। यहां तक कि इस पूरे प्रोजैक्ट पर खर्च को भी 390 करोड़ रुपए से घटाकर 184 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इससे पहले डी.पी.आर. में हल्लोमाजरा चौक पर अंडरपास और ट्रिब्यून राउंड अबाउट पर एलिवेटेड कॉरीडोर और एलिवेटेड रोटरी बनाने का प्लान भी था। जिसे रिवाइज्ड डी.पी.आर. में हटा दिया गया था।

इसे लेकर यू.टी. इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट के अधिकारियों की मिनिस्ट्री के अधिक ारियों के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें मिनिस्ट्री ने प्रोजैक्ट के डिजाइन, लंबाई और कोस्ट को लेकर कुछ आब्जेक्शन लगाई थी। इन्हें दूर करने के बाद ही इसे मंजूरी दी गई। 

हर घंटे गुजरते हैं 15 हजार वाहन :
ट्रिब्यून राउंड अबाउट से जीरकपुर साइड हर घंटे में 15 हजार व्हीकल निकल रहे हैं। यह जानकारी स्तूप कंसल्टैंट कंपनी के प्रतिनिधि ने प्रशासन के चीफ  इंजीनियर कम स्पैशल सैक्रेटरी मुकेश आनंद के साथ हुई मीटिंग में दी थी। 

इसे लेकर कंसल्टैंट ने एक सर्वे किया था, जिसमें इस पर सुबह 9 से 10 और दोपहर एक से ढाई बजे तक पीक ऑवर में निकलने वाले चौपहिया वाहन, बस, ट्रक, कार, टैंपो, टू व्हीलर और साइकिल की संख्या का पता लगाया गया था।

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