Edited By Priyanka rana,Updated: 13 Sep, 2019 08:55 AM
जाली मैडीकल बिल बनाकर सैक्टर-17 स्थित एस.बी.आई. के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमैंट के डिप्टी मैनेजर ने बीस लाख रुपए के बिल पास करवाए।
चंडीगढ़(सुशील) : जाली मैडीकल बिल बनाकर सैक्टर-17 स्थित एस.बी.आई. के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमैंट के डिप्टी मैनेजर ने बीस लाख रुपए के बिल पास करवाए। डिप्टी मैनेजर ने जाली बिल फोर्टिस अस्पताल, कैथ लैब और कैमिस्ट से बनवाए हैं।
विजीलैंस जांच में मामले का खुलासा हुआ तो बैंक ने शिकायत पुलिस को दी। सैक्टर-17 थाना पुलिस ने एस.बी.आई. के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमैंट के असिस्टैंट जनरल मैनेजर राजन बढ़वार की शिकायत पर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमैंट के डिप्टी मैनेजर ज्ञान प्रकाश के खिलाफ साजिश रचने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
राजन बढ़वार ने पुलिस को बताया कि एस.बी.आई. के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमैंट में कर्मचारियों के सभी प्रकार के बिल पास किए जाते हैं। डिप्टी मैनेजर ज्ञान प्रकाश की 15 जुलाई, 2014 को इसी डिपार्टमैंट में तैनाती थी। अगस्त 2018 में डिप्टी मैनेजर ज्ञान प्रकाश द्वारा जमा करवाए गए मैडीकल बिल में गड़बड़ी पाई गई। इसी डिपार्टमैंट में ज्ञान प्रकाश चार साल तक डिप्टी मैनेजर की पोस्ट पर तैनात रहा। बिलों में गड़बड़ी मिलने पर जांच बैंक की विजीलैंस टीम ने की।
391 मैडीकल बिलों में से 193 जाली :
जांच में पाया गया ज्ञान प्रकाश ने पिछले चार साल में 391 मैडीकल बिल डिपार्टमैंट में जमा करवाकर 20 लाख 37 हजार रुपए क्लेम हासिल किया है, जिनमें 193 बिल जाली पाए गए हैं। राजन बढ़वार ने बताया कि डिप्टी मैनेजर ने दवाई परीमेंस प्लस 180 टेबलेट खरीदी है।
इन 15 टेबलेट की कीमत 150 रुपए है, जबकि डिप्टी मैनेजर ने 180 टेबल के बिल 25 हजार 20 रुपए क्लेम कर रखा था। वहीं विजीलैंस जांच में सामने आया कि डिप्टी मैनेजर ने तीन लाख 91 हजार 920 रुपए के बिल अपनी पत्नी के नाम से क्लेम कर रखे हैं। सैक्टर 17 थाना पुलिस ने बैंक से सारा रिकार्ड लेकर डिप्टी मैनेजर ज्ञान प्रकाश पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।