Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Sep, 2018 09:43 AM
पंजाब एंड सिंध बैंक की फेज-3बी2 ब्रांच से कुछ व्यक्तियों ने फर्जी कागजात पर व्हीकल लोन लेकर लाखों की ठगी करने और लोन लेकर खरीदी गई टाटा सफारी कार को आगे से आगे बेचने का मामला सामने आया है।
मोहाली(कुलदीप) : पंजाब एंड सिंध बैंक की फेज-3बी2 ब्रांच से कुछ व्यक्तियों ने फर्जी कागजात पर व्हीकल लोन लेकर लाखों की ठगी करने और लोन लेकर खरीदी गई टाटा सफारी कार को आगे से आगे बेचने का मामला सामने आया है। बैंक से हुई ठगी की शिकायत सीनियर मैनेजर हरजिन्द्र सिंह की शिकायत पर पुलिस स्टेशन मटौर में तीन लोगों खिलाफ ठगी का केस दर्ज कर लिया गया है।
एस.एस.पी. मोहाली को दी गई शिकायत में बताया गया कि अप्रैल 2016 में चंडीगढ़ स्थित कार सेल के शोरूम के कर्मचारी द्वारा किसी सतपाल सिंह नाम के ग्राहक को बेची जा रही नई टाटा सफारी कार पर 11 लाख 75 हजार रुपए का लोन ग्राहक को दिलाने के लिए संपर्क किया गया। बैंक की शर्तों मुताबिक सतपाल सिंह निवासी खरड़ ने सभी कागजात बैंक को दे दिए।
बैंक द्वारा सतपाल सिंह के नाम पर बैंक लोन के रूप में 11 लाख 75 हजार की रकम का डिमांड ड्रॉफ्ट चंडीगढ़ स्थित उक्त कार कंपनी के नाम रिलीज कर दिया गया। बैंक ने दो लोगों की गारंटी भी ली। एक महिला सरकारी कर्मचारी है और दूसरा जरनैल सिंह है जो फेज-1 का निवासी बताया जाता है। उसका असली नाम नाजर सिंह है।
पुलिस जांच में सभी नाम निकले फर्जी :
पुलिस की जांच में पता चला कि जिस सतपाल सिंह ने कार लोन लिया, वह तो फर्जी नाम है। इसका असली नाम सिकंदर सिंह है। दूसरा जिस जरनैल सिंह ने गारंटी दी, उसका असली नाम नाजर सिंह है। तीसरा जिस बलविन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति को गाड़ी ट्रांसफर करवाई गई, उसका यह नाम भी फर्जी है।
बैंक के सीनियर मैनेजर हरजिन्द्र सिंह की शिकायत पर पुलिस स्टेशन मटौर में सिकंदर सिंह (फर्जी सतपाल सिंह) निवासी खरड़, नाजर सिंह (फर्जी जरनैल सिंह) निवासी खरड़, बलविन्द्र सिंह (फर्जी नाम) निवासी खरड़ के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 406, 419, 420, 465, 467, 471, 474 तथा 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
बैंक में आर.सी. न पहुंचने पर हुआ ठगी का खुलासा :
कंपनी द्वारा खरीददार को कार बेचते समय बिल, इंश्योरैंस आदि पर बैंक का नाम लिख कर रिलीज किए गए। जब तीन महीनों तक उस टाटा सफारी कार का रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट बैंक के पास नहीं पहुंचा तो बैंक ने सतपाल सिंह से संपर्क किया तो उसने तथा गारंटरों ने बैंक अधिकारियों के फोन उठाने बंद कर दिए। बैंक ने गाड़ी के इंजन-चैसिस नंबर से पता लगाया तो पता चला कि वह टाटा सफारी मोहाली रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी आफिस से बलविन्द्र सिंह के नाम पर ट्रांसफर हुई है। उस आर.सी. पर बैंक की हाईपोथिकेशन नहीं चढ़ी हुई थी।
यह बलविन्द्र ने भी फर्जी कागजात पर गाड़ी अपने नाम ट्रांसफर करवाई। पुलिस अब मोहाली रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की भूमिका बारे भी पता लगाने में जुटी हुई है। यह सफारी दाऊं के ग्रीन एंक्लेव स्थित किसी कार डीलर ने आगे जालंधर के किसी कार बाजार को बेच दिया। ऐसे करते करते यह कार कपूरथला के एक डीलर के माध्यम से जम्मू निवासी एक व्यक्ति को 10 लाख 30 हजार में बेच दी गई।