डी.एस.पी. रामगोपाल के भाई सतपाल डागर पर पलवल में भी दर्ज है धोखाधड़ी का केस

Edited By AJIT DHANKHAR,Updated: 07 Mar, 2021 11:36 PM

fraud case

करीब तीन महीने बाद सतपाल डागर को मिली थी जमानत

चंडीगढ़,(सुशील): मालिक का अपहरण कर उसे आश्रम में छोडऩे के बाद सैक्टर-37 की करोड़ों रुपए की कोठी धोखाधड़ी से बेचने के मामले में आरोपी डी.एस.पी. रामगोपाल के भाई सतपाल डागर पर पलवल में भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। पलवल पुलिस ने सतपाल डागर को गिरफ्तार किया था। करीब तीन महीने बाद सतपाल डागर को जमानत मिली थी। वहीं, एस.आई.टी. को इस मामले में अभी शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला, खलेन्द्र सिंह कादियान, अशोक अरोड़ा, सौरभ गुप्ता,  शेखर और दलजीत सिंह रुब्बल को पकड़ा है, जिसके लिए पुलिस टीमें छापेमारी कर रही हैं।

 


राहुल मेहता ने चंडीगढ़ आकर वर्ष 2018 में पहचानी थी अपनी कोठी
कोठी का असली मालिक राहुल मेहता वर्ष 2018 में बिल्कुल ठीक हो गया था। श्रद्धा फाऊंडेशन का कर्मचारी राकेश 24 अप्रैल, 2018 को राहुल मेहता को चंडीगढ़ लेकर आया था। जीरकपुर से चंडीगढ़ एंटर होते ही राहुल मेहता ने अपने साथ आए राकेश को सैक्टर-37 स्थित अपनी कोठी का रास्ता बताया था। राहुल मेहता कर्मचारी राकेश को कोठी नंबर 340 में ले गया। उसने बताया कि यह कोठी उसकी है लेकिन उस समय कोठी में कई लोग बैठे हुए थे।

राकेश ने कोठी में मौजूद लोगों को बताया कि राहुल मेहता कोठी मालिक है तो उन्होंने बताया की जिस व्यक्ति को आप लेकर आए हो, वो पागल है। कोठी मालिक की मौत हो चुकी है। इस दौरान मौके पर बीट स्टाफ आया था लेकिन पुलिस जवानों ने कुछ नहीं किया और राहुल मेहता को वापस लेकर जाने को कहा। इसके बाद श्रद्धा फाऊंडेशन का कर्मचारी राकेश उसे वापस आश्रम में ले गया। 25 अप्रैल, 2018 को श्रद्धा फाऊंडेशन ने राहुल मेहता को दिल्ली स्थित अपना घर में भेज दिया। वहां से राहुल मेहता को 30 जुलाई, 2018 को  राजस्थान के अपना घर आश्रम में भेज दिया था। 

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