Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Jul, 2019 10:05 AM
पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों को अब लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा।
चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों को अब लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। बुधवार को दिल्ली में पी.जी.आई. स्टैंडिंग फाइनांंस कमेटी की मीटिंग हुई। हैल्थ सैक्रेटरी प्रीति सुधन की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में पी.जी.आई. डायरैक्टर और डिप्टी डायरैक्टर अमिताभ अवस्थी मौजूद रहे।
खास बात यह रही कि मीटिंग में पी.जी.आई. के अहम प्रौजैक्टों में से एक क्यू मैनजमैंट को अप्रूवल मिल गई है। अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन और टैस्ट की फीस भरने के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। पी.जी.आई. में इस क्यू मैनेजमैंट सिस्टम को लेकर पिछले साल से काम किया जा रहा था।
कियोस्क लगाए जाएंगे :
कार्ड रजिस्ट्रेशन व टैस्ट की फीस भरने का यह कार्य ठीक वैसा रहेगा। जैसे एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास बनवाने का रहता है। इसके लिए पूरे पी.जी.आई. में कियोस्क लगाए जाएंगे, जिन पर स्टाफ मौजूद रहेगा। इसकी मदद से पी.जी.आई. में सुबह लाइनों में लगने के बजाय इन क्यिोस्क पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे।
फिलहाल कितने कियोस्क पूरे पी.जी.आई. में लगाए जाने हैं, यह अभी तय नहीं है। इसके लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए का अलग से बजट भी रखा गया है। पी.जी.आई. में हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और जम्मू से पेशैंट आते हैं। यहां सबसे बड़ी मुश्किल कार्ड बनवाने की है। कई घंटे तो लाइनों में ही खड़े रहना पड़ता है।
ट्रांसपेरैंसी आएगी, टोकन सिस्टम को भी मंजूरी :
मीटिंग में टोकन सिस्टम को भी अप्रूवल मिल गई है। मरीजों की शिकायत रहती है कि जल्दी आकर भी उनका नंबर देरी से आता है। यह सिस्टम शुरू होने से ट्रांसपेरैंसी आएगी। हर विभाग में डिस्पले मशीन लगाई जाएगी, जिसमें मरीज का टोकन का नंबर आएगा। ऐसे में मरीज अंदाजा लगा सकता है कि उसका नंबर तक आएगा।
इस दौरान मरीज टोकन का नंबर लेकर बाहर जाना चाहे तो जा पाएगा। हालांकि विभाग ने इस सिस्टम का ट्रायल पिछले साल डर्माटोलॉजी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग में किया था। ट्रायल का रिस्पांस अच्छा आने के बाद उसे मीटिंग में रखा गया था, जिसके तहत अब इसे सभी ओ.पी.डी. में शुरू किया जाएगा।