टोरंटो से लौटी युवती कोरोना+, भेज दिया घर

Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Jun, 2020 09:10 AM

girl returned from toronto corona positive sent home

चंडीगढ़ प्रशासन ने कोरोना संक्रमित पेशैंट्स के इलाज के लिए स्ट्रैटजी बदल दी है। अब लक्षण रहित कोरोना पेशैंट्स को घर पर भी क्वॉरेंटाइन किया जा सकेगा।

चंडीगढ़(अर्चना) : चंडीगढ़ प्रशासन ने कोरोना संक्रमित पेशैंट्स के इलाज के लिए स्ट्रैटजी बदल दी है। अब लक्षण रहित कोरोना पेशैंट्स को घर पर भी क्वॉरेंटाइन किया जा सकेगा। 

चंडीगढ़ में ऐसा पहला केस सामने आया है, जिसमें कोरोना पेशैंट युवती को पॉजीटिव आने के बाद अस्पताल या क्वॉरंटाइन सैंटर में भेजने की बजाए घर में ही 4 दिन के लिए क्वॉरंटाइन कर दिया गया है। टोरंटो से लौटी 27 साल युवती की 30 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी।

सैक्टर-16 के जनरल हॉस्पिटल ने युवती को सैक्टर-9 स्थित उसके घर में क्वॉरंटाइन कर दिया है। एक तरफ चंडीगढ़ प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इसे इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च की नई गाइडलाइन बता रहे हैं तो दूसरी तरफ चंडीगढ़ के ही डॉक्टर्स इस फैसले को दूसरे लोगों के लिए रिस्की मान रहे हैं।

बापूधाम के पेशैंट के साथ ऐसा नहीं कर सकते :
उधर, जी.एम.एस.एच.-16 के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट प्रो.वीरेंद्र नागपाल का कहना है कि युवती पॉजीटिव जरूर है पर उसमें कोई लक्षण नहीं है। ऐसे पेशैंट का घर अगर बड़ा हो तो उसे घर में ठहरा सकते हैं। 

महिला को बापूधाम कॉलोनी के दूसरे पॉजीटिव पेशैंट्स के साथ कैसे रख सकते थे? चंडीगढ़ में यह पहली ऐसी पेशैंट है जिसे पॉजीटिव आने के बाद घर में भेजा गया है। बापू धाम कालोनी के लोग ज्यादातर पॉजीटिव आ रहे हैं, उन्हें घर नहीं भेज सकते योंकि वहां की कंजेस्टेड कॉलोनी में संक्रमण फैलने का खतरा है।

यह है केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन :
केंद्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 मई को जारी गाइडलाइन में कहा है अगर कोरोना पेशैंट में खांसी, जुखाम या बुखार जैसे लक्षण नहीं हैं तो उसे घर में भी क्वॉरंटाइन कर सकते हैं। पेशैंट की उम्र 10 साल से लेकर 50 साल के बीच में होनी जरूरी है और पेशैंट का घर इतना बढ़ा हो कि उसमें पेशैंट एक अलग कमरे में आइसोलेशन में रह सके।

डॉक्टर बोले, बहुत रिस्की :
चंडीगढ़ के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित पेशैंट भले हल्के वायरल लोड वाला ही क्यों न हो परंतु वह कोरोना वायरस का कैरियर तो है ही। जिस घर में पेशैंट को क्वॉरंटाइन किया गया है भले वह बड़ा हो परंतु वहां काम के लिए आने वाला माली, सफाई कर्मचारी, दूध वाला या पेशैंट के कपड़े धोने वाला व्यति को कोरोना का कैरियर बन सकता है।

पिता बोले, सावधानी बरत रहे :
पेशैंट के पिता का कहना है कि उनकी बेटी टोरंटो में काम करती है। टोरंटो से लौटने के बाद कुछ दिन उसे माउंट व्यू में रखा गया था। पिता का कहना है उनका घर बहुत बड़ा है बेटी को पूरी सावधानी के साथ रखा गया है। 

जब से वह लौटी, हम तो बच्ची को नजदीक से मिल भी नहीं सके हैं। बेटी का बुखार रोज चैक किया जा रहा है और डॉक्टर्स को हर रोज रिपोर्ट भी दी जा रही है। अगर कोई दिकत आई होती तो उसे अस्पताल ले जाते।
 

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