नहीं थम रहा GMCH में दवाओं का अवैध कारोबार, फिर दबोचे दो कारिंदे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 11:16 AM

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गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में वीरवार को एक बार फिर दवाओं का अवैध कारोबार करने वाले दो कारिंदों को सिक्योरिटी विंग ने हॉस्पिटल के सी ब्लॉक की चौथी मंजिल में दवाएं और एच.आई.वी. किट्स बेचते हुए दबोच लिया। मंगलवार को भी मेन ऑपरेशन...

चंडीगढ़(अर्चना) : गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में वीरवार को एक बार फिर दवाओं का अवैध कारोबार करने वाले दो कारिंदों को सिक्योरिटी विंग ने हॉस्पिटल के सी ब्लॉक की चौथी मंजिल में दवाएं और एच.आई.वी. किट्स बेचते हुए दबोच लिया। मंगलवार को भी मेन ऑपरेशन थिएटर के बाहर से एक कारिंदे को दवा बेचते हुए दबोचा गया था, परंतु उसे पुलिस के हवाले नहीं किया गया था। आज पकड़े गए कारिंदों के नाम करन और हरप्रीत बताए गए हैं। हॉस्पिटल की सिक्योरिटी विंग ने दोनों कारिंदों को रंगे हाथों पकड़ा है। उनके पास 6 एच.आई.वी. किट्स और कुछ दवाएं लिफाफे में थी। 


दोनों कारिंदों को पकडऩे के बाद हॉस्पिटल सिक्योरिटी ने पूछताछ की, जिसमें कारिंदों ने कहा कि वह सैक्टर-31 और सैक्टर-32 से अपने रिश्तेदार के लिए दवाएं लेकर आए थे, परंतु सिक्योरिटी विंग कारिंदों की बात पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि कारिंदों के लिफाफे में से सिक्योरिटी को एक नहीं बल्कि छह एच.आई.वी. किट्स मिली थी। दो दिन पहले ही हॉस्पिटल के एडिशनल डायरैक्टर एडमिनिस्ट्रेशन्स सतीश जैन ने हॉस्पिटल पुलिस पोस्ट और सिक्योरिटी विंग को निर्देश दिए थे कि दवाओं के अवैध कारोबार को बंद करने के लिए दवा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें मौके से पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया जाए। 

 

ए.डी.ए. से मिले निर्देशों के बाद अब सिक्योरिटी विंग सिविल यूनिफार्म में रहकर दवाओं के अवैध कारोबार पर नजर रख रहे हैं। वहीं हॉस्पिटल सिक्योरिटी द्वारा दबोचे गए कारिंदों को चंडीगढ़ पुलिस ने देर शाम छोड़ दिया। पुलिस की मानें तो दोनों कारिंदे अस्पताल में भर्ती अपने रिश्तेदार के लिए दवाएं लेकर आए थे। 

 

हॉस्पिटल के कैमिस्ट देते हैं लाखों रुपए का किराया :
हॉस्पिटल की एक फैकल्टी ने नाम न लिखे जाने पर कहा कि हॉस्पिटल के नर्सेज सैक्टर-31 और सैक्टर-32 में कैमिस्ट शॉप चला रहे हैं और अपना धंधा चमकाने के लिए वह पैशेंट्स को दवाएं लेने के लिए जबरन मजबूर करते हैं। 

 

उन्होंने पूरा एक नैक्सस चला रखा है जो व्हाट्सअप के जरिए अवैध तरीके से अस्पताल में दवा बेचने के काम कर रहा है। नैक्सस की वजह से हॉस्पिटल के अंदर खोली गई दवा दुकानों को नुकसान हो रहा है क्योंकि उन कैमिस्ट को लाखों रुपए बतौर किराया हॉस्पिटल को देना पड़ रहा है और यह बाहर के कैमिस्ट हॉस्पिटल के अंदर आकर कभी वार्ड तो कभी ओटी के बाहर आकर दवाएं बेच रहे हैं। 

 

दो जगह होता है मुख्य कारोबार :
सूत्र कहते हैं कि दवाओं का अवैध कारोबार दो प्रमुख जगह पर चलता है। हॉस्पिटल के मेन ऑपरेशन थिएटर के अलावा कार्डियक केयर यूनिट के आसपास अवैध तरीके से दवाएं बेची जा रही हैं। सिक्योरिटी विंग इंचार्ज का कहना है कि यह कारिंदे पूछताछ के दौरान पेशेंट्स के परिजन बन जाते हैं और कहने लगते हैं कि वह तो अपने पैशेंट के इलाज के लिए अस्पताल आए हैं। चूंकि इनके तार नर्सेज से जुड़े हुए हैं इसलिए उनके पास पैशेंट्स के नाम भी होते हैं जो वार्ड में भर्ती होते हैं। 

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