Edited By pooja verma,Updated: 10 Sep, 2019 12:11 PM
पी.जी.आई. के पास करीब 15 करोड़ रुपए से तैयार किए गए सरकारी स्कूल इंजीनियनिंग की लापरवाही और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण सफेद हाथी बना हुआ है।
चंडीगढ़ (वैभव): पी.जी.आई. के पास करीब 15 करोड़ रुपए से तैयार किए गए सरकारी स्कूल इंजीनियनिंग की लापरवाही और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण सफेद हाथी बना हुआ है। क्योंकि पिछले तीन साल इसे उद्घाटन का इंतजार है। हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से स्कूल को कहीं और शिफ्ट करने आदेश दिए जा चुके हैं। लेकिन प्रशासन के विभागों की खानापूर्ति भरे रवैये के कारण इसे अभी तक ओपन नहीं किया गया।
बता दें कि शहर में हर साल काफी बच्चों को 11वीं क्लास में दाखिला नहीं मिल पाता है, क्योंकि सीटें खत्म होने की बात कही जाती है। चंडीगढ़ प्रशासन ने स्कूल को शिफ्ट करने के लिए वर्ष 2016-17 में आदेश जारी किया था।
आदेश जारी हुए करीब 3 वर्ष पूरे होने वाले हैं, लेकिन इतने समय में इंजीनियनिंग विभाग स्कूल को पूरी तरह से बनाने में असफल साबित हुआ है। बता दें कि इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई केसों में विभाग की फजीहत हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार इंजीनियरिंग विभाग ने स्कूल को शिक्षा विभाग को 6 महीने पहले हैंडओवर करना था। अभी तक इसे हैंडओवर नहीं किया गया है। हालांकि इंजीनियरिंग विभाग ने प्रशासन को आश्वासन दिया था कि स्कूल को निर्धारित समय अवधि में तैयार कर दिया और शिक्षा विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।
सत्र 2018 में होना था शुरू
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस स्कूल को बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय दो साल का था। इसके अनुसार स्कूल को वर्ष 2018 के सत्र में बच्चों के लिए ओपन करना था। लेकिन अब तो वर्ष 2019-20 का आधा सत्र बीतने वाला है। स्कूल के ओपन न होने की वजह से हजारों बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। आने वाले समय में स्कूल ओपन नहीं किया गया तो बच्चों का भविष्य आगे भी ऐसे ही बर्बाद होगा।
सीनियर सैकेंडरी स्कूल बनाने का था प्लान
बता दें कि पी.जी.आई. में जो स्कूल था, वह गवर्नमैंट हाईस्कूल था। इसके बाद इसे शिफ्ट करने के साथ सीनियर सैकेंडरी बनाने का प्लान बनाया गया था। अगर इसे समय रहते बना दिया होता और शिक्षा विभाग को हैंडओवर कर दिया जाता तो इसमें 11वीं क्लास में बच्चों को एडमिशन मिल सकती थी। बता दें कि इस बार काफी संख्या में स्टूडैंट्स को चौथी काऊंसलिंग के बाद भी दाखिले नहीं मिले, जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है।
अगर समय रहते यह स्कूल चालू हो जाता है दाखिले से वंचित बच्चों का दाखिला मिल जाता है। उन्हें एडमिशन के लिए धक्के नहीं खाने पड़ते। लेकिन शिक्षा और इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को झेलना पड़ रहा है।