हिंसा में 40 मौतों का जिम्मेदार कौन?, संपत्ति की भरपाई कैसे होगी हाईकोर्ट करेगा तय

Edited By Priyanka rana,Updated: 11 Dec, 2019 11:12 AM

gurmeet ram rahim

पंचकूला में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप केस में सी.बी.आई. कोर्ट द्वारा सुनाई सजा के बाद भड़की हिंसा में 40 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल हो गए थे।

चंडीगढ़(रमेश) : पंचकूला में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप केस में सी.बी.आई. कोर्ट द्वारा सुनाई सजा के बाद भड़की हिंसा में 40 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल हो गए थे। हिंसा में निजी व सरकारी संपत्ति को जलाया व तोड़ा गया था, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है। 

इन 40 मौतों का जिम्मेदार कौन है? निजी व सरकारी संपत्ति की भरपाई कौन करेगा? हिंसा भड़काने का जिम्मेदार कौन है? सरकार की ओर से कहां चूक हुई? और डेरा संचालकों की भूमिका क्या रही इन सभी तथ्यों पर मंगलवार से हाईकोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ। 

हाईकोर्ट की फुल बैंच के समक्ष हुई सुनवाई दौरान कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने उक्त तथ्यों पर इससे पहले आए सुप्रीम कोर्ट व अन्य अदालतों के आदेशों का जिक्र करते हुए कोर्ट को 25 अगस्त, 2017 को पंचकूला में भड़की हिंसा की विस्तृत जानकारी दी।

अगर सरकार चाहती तो एक भी डेरा समर्थक पंचकूला नहीं पहुंच पाता :
कोर्ट मित्र का कहना था कि अगर सरकार चाहती तो पंचकूला में एक भी डेरा समर्थक नहीं घुस पाता। उन्होंने कहा कि तीन दिन तक समर्थक पहुंचते रहे और सरकार व प्रशासन देखता रहा, जिसका परिणाम था कि हिंसा भड़की और कई लोगों की जान चली गई। 

कोर्ट ने भी कई बार जिरह सुन माना कि सरकार व बाबा ही हिंसा के जिम्मेदार हैं लेकिन वह जिम्मेदारी तय कौन करेगा अभी तय नहीं है। कोर्ट पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एस.आई.टी. का गठन करेगी या कमीशन बनाया जाएगा या फिर हाईकोर्ट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकती है या नहीं इन सभी विषयों को लेकर बहस होनी है। 

सरकार ने नहीं सुनी सेना की चेतावनी :
याचिकाकर्ता वकीलों का कहना था कि पुलिस ने पंचकूला हिंसा के बाद कई एफ.आई.आर. दर्ज की थी और राजेश नामक गवाह ने बयान भी दिए हैं कि उसके सामने डेरे में हिंसा को अंजाम देने की साजिश हुई थी जबकि एक अन्य गवाह ने डेरा प्रमुख द्वारा उन्हें सजा सुनाए जाने के बाद कैसे हिंसा फैलानी है, इसके आदेश दिए गए थे। 

उनका कहना था कि सेना की खुफिया एजैंसी ने सरकार को सतर्क किया था कि डेरों में हथियार जमा हो रहे हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने ही पंजाब व हरियाणा को आदेश दिए थे कि दोनों राज्यों के डेरों पर नजर रखी जाए लेकिन सरकार ने उक्त आदेशों को हल्के में लिया। इसका उदाहरण पंचकूला हिंसा और संत रामपाल के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा था। 

भारत में बाबाओं का कल्चर चल रहा :
कोर्ट मित्र का कहना था कि भारत में बाबाओं का कल्चर चल रहा है। हरियाणा में भी संत रामपाल व गुरमीत राम रहीम ने समर्थकों की बड़ी फौज खड़ी कर ली थी जो खुद की सल्तनत चलाना चाहते थे। 

संत रामपाल ने तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं की बल्कि जजों को ही चुनौती देता रहा था। खुद को सर्वोपरि साबित करने की जंग में नुक्सान आम लोगों और सरकारी संपत्तियों का हुआ और निर्दोषों की जानें चली गईं। 

अब तो दो ही चीजें चलती हैं-बाबे या ढाबे :
फुल बैंच में चल रही सुनवाई के दौरान जस्टिस राजीव शर्मा ने कोर्ट मित्र की बातों का जवाब देते हुए कहा कि अब तो दो ही चीजें चलती हैं-या बाबे या ढाबे। दो घंटे तक चली सुनवाई दौरान डेरे की ओर से पेश हुए वकीलों ने भी कोर्ट मित्र के तर्कों का जवाब देना चाहा लेकिन कोर्ट ने उन्हें तवज्जो नहीं दी। सुनवाई 13 दिसम्बर को भी जारी रहेगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!