हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बावजूद नहीं आए ज्यादा बाल, 35 हजार हर्जाना ठोका

Edited By Priyanka rana,Updated: 01 Dec, 2019 01:24 PM

hair transplant

70 हजार 948 रुपए देने और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी से गुजरने के बाद भी दावे के अनुरुप बाल नहीं बढ़े। इसके चलते फोरम ने रिचफील हैल्थ एंड ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : 70 हजार 948 रुपए देने और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी से गुजरने के बाद भी दावे के अनुरुप बाल नहीं बढ़े। इसके चलते फोरम ने रिचफील हैल्थ एंड ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। 

यहां तक कि शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद एक और सर्जरी के लिए उससे 23 हजार रुपए की और मांग की गई। फोरम ने निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 70 हजार 948 रुपए रिफंड किए जाएं। साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 25 हजार रुपए मुआवजा और 10 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। 

आदेश की प्रति मिलने पर एक माह के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो राशि पर ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने सुनवाई के दौरान जारी किए।

सैक्टर-25 निवासी ने दी थी शिकायत :
सैक्टर-25डी निवासी विकास कुमार ने फोरम में रिचफील हैल्थ एंड ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड, सैक्टर-9डी मध्य मार्ग और रिचफील हैल्थ एंड ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के खिलाफ शिकायत दी थी, जिनके खिलाफ फोरम ने ये फैसला सुनाया है। 

इसके अलावा तीन अन्य के खिलाफ भी शिकायत दी गई थी और शिकायतकर्ता की मांग पर दो पार्टियों का नाम ऑपोजिट पार्टी की लिस्ट से डिलीट कर दिया गया, वहीं एक खिलाफ शिकायत को डिसमिस कर दिया गया।

2017 में करवाई थी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी :
शिकायतकत्र्ता ने बताया कि उसने दूसरे पक्ष को हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाने के लिए अप्रैल 2017 में 70 हजार 948 रुपए अदा किए। शिकायतकर्ता को विश्वास दिलाया गया कि सर्जरी के बाद बालों के बीच अधिक गैप नहीं होगा, लेकिन बावजूद इसके शिकायतकर्ता के बाल अधिक नहीं हुए, जिसके चलते ही उन्होंने इस मामले से दूसरे पक्ष को अवगत क रवाया। 

शिकायतकर्ता की शिकायत का निवारण करने बजाए बालों के गैप को दूर करने के लिए दूसरे पक्ष ने उनसे 23 हजार रुपए की और मांग की। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पहले ही इसके लिए काफी अधिक अमाउंट पे कर चुके थे। जब उन्होंने और पैसे देने से इंकार कर दिया तो उनके मामले को बिना किसी वजह के लटका दिया गया।  जब उनके सभी प्रयास काम नहीं आए तो लीगल नोटिस भेेजा गया, लेकिन बावजूद  इसके कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके चलते ही उन्होंने इस संबंधित फोरम में शिकायत दी।

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