चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन निर्माण कार्य के लिए हरियाणा ने भी भरी हामी

Edited By Priyanka rana,Updated: 29 Jan, 2020 11:58 AM

haryana also agreed to work on chandigarh baddi railway line

करीब अढ़ाई दशक बाद भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने का रास्ता साफ हो गया है।

शिमला(कुलदीप) : करीब अढ़ाई दशक बाद भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने का रास्ता साफ हो गया है। इसके तहत रेलमार्ग पर बनने वाली सुरंगों और पुलों के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस रेललाइन पर 4 सुरंगों का निर्माण कार्य होना है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के प्रयासों के बाद पंजाब के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। 

भानुपल्ली से बैरी तक रेल लाइन की लंबाई करीब 63.1 किलोमीटर होगी। इसके बाद सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेह तक रेल पहुंचाने की दिशा में बात आगे बढ़ पाएगी। इसके अलावा प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बद्दी को रेललाइन से चंडीगढ़ तक जोडऩे के लिए हरियाणा ने भी हामी भर दी है। इसमें करीब 28 किलोमीटर रेललाइन के लिए दोनों तरफ से भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। 

उल्लेखनीय है कि भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन का मामला सबसे पहले 1990 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उठाया था। वह रामपुर को रेलमार्ग से जोडऩे के पक्षधर थे। उसके बाद प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सरकार और वर्तमान में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने स्तर पर प्रयास किए। 

4,000 करोड़ से अधिक होंगे खर्च :
इस रेललाइन के निर्माण कार्य की लागत एक दशक पहले 2,967 करोड़ रुपए आंकी गई थी लेकिन वर्तमान समय में इस पर करीब 4,000 करोड़ रुपए से अधिक अनुमानित लागत आएगी। केंद्र सरकार की तरफ से इस रेलमार्ग के लिए 75:25 का वित्त पोषण फार्मूला सुझाया गया है। 

ऐसे में 63.1 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासुर-बैरी रेललाइन का 49.2 किलोमीटर भाग हिमाचल प्रदेश और 13.9 किलोमीटर भाग पंजाब में आता है। पंजाब में आने वाले क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा होने के बाद 3 से 5 किलोमीटर में रेललाइन बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है। प्रदेश में जगातखाना तक भूमि अधिग्रहण हो चुका है। इस रेललाइन पर वर्ष 2018 में 168.2 करोड़ रुपए और वर्ष 2019 में 162 करोड़ रुपए खर्च हुए।

ऊना-हमीरपुर ट्रैक का मामला नीति आयोग के पास लंबित :
राज्य के 2 प्रमुख रेलमार्गों के निर्माण कार्य की दिशा में भले ही बात आगे बढ़ गई हो लेकिन करीब 54 किलोमीटर लंबी ऊना-हमीरपुर रेललाइन का मामला अभी भी नीति आयोग के पास लंबित पड़ा है। 

करीब 5821.47 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस रेल परियोजना को लेकर आरंभिक सर्वेक्षण हो चुके हैं। इसी तरह नंगल-तलवाड़ा रेललाइन में दौलतपुर चौक से आगे की रेललाइन का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास गया है। दौलतपुर से तलवाड़ा तक रेललाइन निर्माण पर 2,100 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

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