Edited By bhavita joshi,Updated: 16 Feb, 2019 09:54 AM
धोखाधड़ी केस को रफादफा करने के ऐवज में रिश्वत मांगने के मामले में अदालत ने दोषी हरियाणा पुलिस के ए.एस.आई. जगदीश राम व जतिन्द्र कुमार को 5-5 साल की सजा सुनाई है।
चंडीगढ़(संदीप): धोखाधड़ी केस को रफादफा करने के ऐवज में रिश्वत मांगने के मामले में अदालत ने दोषी हरियाणा पुलिस के ए.एस.आई. जगदीश राम व जतिन्द्र कुमार को 5-5 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 1.5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि वर्ष 2013 में विजीलैंस ने दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। विजीलैंस ने जगदीश राम को 14 मई 2013 को 1 लाख की रिश्वत लेते हुए ट्रैप लगाकर पकड़ा था। पूछताछ में जगदीश ने खुलासा किया था कि उसने कैथल सी.आई.ए. के ए.एस.आई. जतिन्द्र कुमार और वहां के एक इंस्पैक्टर के कहने पर रिश्वत मांगी थी।
मौलीजागरां के रहने वाले गुरमीत सिंह ने विजीलैंस में शिकायत दी थी कि हरियाणा सी.एम. निवासी की सिक्योरिटी में तैनात ए.एस.आई. जगदीश राम, ए.एस.आई. जतिन्द्र कुमार और एक इंस्पैक्टर ने उसके खिलाफ कैथल में दर्ज धोखाधड़ी के केस को रफदफा करने के लिए उससे 13 लाख की रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
13 लाख मांगे थे
शिकायतकर्ता गुरमीत सिंह टैक्सी का काम करता था। उसने मनीमाजरा एन.ए.सी. में साथी गुरप्यार सिंह के साथ दफ्तर खोला था। जहां गुरप्यार इमीग्रेशन का काम करता था। कुछ समय बाद गुरप्यार ठगी मारकर फरार हो गया था। पीड़ित पैसे लेने दफ्तर पहुंचे। इस दौरान गुरमीत ने लोगों को बताया कि आप लोगों को इमीग्रेशन का काम करने वाले गुरप्यार ने ठगा है। फिर उसने गुरप्यार के घर का पता दे दिया, जो कैथल का था। धोखाधड़ी का शिकार लोग गुरप्यार के घर पहुंचे तो गुरप्यार ने कैथल में गुरमीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद केस की जांच का जिम्मा कैथल सी.आई.ए. को दिया गया। वहां के इंस्पैक्टर और ए.एस.आई. जगदीश राम, जतिन्द्र कुमार ने सलाह बनाई कि वह इस एवज में गुरमीत सिंह से पैसे ठगे। उन्होंने मामले को खत्म करने के लिए 13 लाख रिश्वत की मांगी।