आशा वर्करों के कार्यों को बेहतर करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

Edited By Vikash thakur,Updated: 31 Oct, 2020 07:03 PM

health department

विभाग में नामांकित 20,268 आशा वर्करों को दिए जा रहे कई प्रोत्साहन

चंडीगढ़, (पांडेय): आशा वर्करों के अदम्य प्रयासों के चलते हरियाणा स्वास्थ्य विभाग आशा नामांकन, चयन, कार्य, भुगतान और छंटनी मानदंडों में ऑवरहोङ्क्षलग (आमूलचूल परिवर्तन) कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि वर्तमान में 20,268 आशा वर्करों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नामांकित किया गया है और उन्हें देश में अधिकतम प्रोत्साहन मिल रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन के अलावा राज्य के बजट से राज्य सरकार ने उनके लिए व्यापक प्रोत्साहन पैकेज का प्रावधान भी किया है। अरोड़ा ने बताया कि आशा वर्करों की नामांकन प्रक्रिया को सरल और निष्पक्ष रूप से संहिताबद्ध किया गया है। इसके अलावा, आशा वर्करों के नामांकन, कार्य, भुगतान और छंटनी मानदंडों को पूरा करने हेतु कई बदलाव भी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा की हाल ही में आयोजित शासी निकाय की बैठक में चयन मानदंडों को संशोधित किया गया है, जिसमें न्यूनतम प्रदर्शन बैंचमार्क और आशा वर्कर की आयु आधारित नामांकन शामिल किए गए हैं। 

 


आशा प्रोत्साहन भुगतान की निगरानी की जाएगी 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के मिशन निदेशक प्रभजोत ङ्क्षसह ने बताया कि आशा-पे ऐप या पोर्टल के लागू होने के बाद सभी स्तरों पर आशा प्रोत्साहन भुगतान की निगरानी की जाएगी। आशा वर्कर अपने भुगतान और कटौती (यदि कोई हो) की स्थिति के बारे में भी जान सकेंगे। आशा वर्कर के चयन मानदंड और आयु-आधारित नामांकन के संशोधन के बारे में विस्तार से चर्चा के बाद, आशा वर्करों की न्यूनतम योग्यता कक्षा 10वीं पास के रूप में तय की गई है, (मेवात विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले क्षेत्र को छोड़ कर जैसा कि जिला नूंह और पलवल के ब्लॉक हथीन के लिए जहां न्यूनतम योग्यता कक्षा 8वीं पास होगी)। इसके अलावा, आशा वर्कर के नामांकन की आयुसीमा 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद आशा कार्यकत्र्ताओं की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। 
विधवा व तलाकशुदा को दो अंकों की मिल रही वरीयता 
नामांकन के लिए आशा वर्करों की आयुसीमा भी 25 वर्ष से 45 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि आशा वर्कर जो विधवा है, तलाकशुदा है, अलग है, अविवाहित है उसे 2 अंकों की वरीयता मिलेगी। इसके अलावा, आॢथक स्थिति और संचार कौशल के लिए 4 अंकों की अतिरिक्त वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा, आशा वर्कर की अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित की गई है। मिशन निदेशक ने बताया कि आशा वर्कर जो सरपंच या पंच, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता या हैल्पर हैं, निजी नॄसग होम या स्कूल आदि में सहायक स्टाफ के रूप में काम करते हैं, को भी चिन्हित करने की आवश्यकता होती है और उन्हें केवल एक ही स्थान के लिए अनुमति दी जानी चाहिए, या तो आशा वर्कर या कोई और कार्य हेतु। इस उद्देश्य के लिए, सभी मौजूदा और नए आशा वर्करों को अपनी स्थिति के बारे में अपने एम.ओ.-आई.सी., पी.एच.सी. को अपने स्तर के बारे अंडरटेङ्क्षकग प्रस्तुत करनी होगी कि वे विशेष रूप से केवल आशा वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं।

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