हैरीटेज प्रोटैक्शन सैल की अप्रूवल बिना नहीं होगी स्क्रैप की ऑक्शन

Edited By Priyanka rana,Updated: 12 Jul, 2019 11:40 AM

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चंडीगढ़ का हैरीटेज फर्नीचर विदेशों में करोड़ों रुपए में नीलाम हो रहा है लेकिन यू.टी. प्रशासन इसे रोकने में अभी तक असफल ही रहा है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ का हैरीटेज फर्नीचर विदेशों में करोड़ों रुपए में नीलाम हो रहा है लेकिन यू.टी. प्रशासन इसे रोकने में अभी तक असफल ही रहा है। यही कारण है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने अब हैरीटेज आइटम्स प्रोटैक्शन सैल की मीटिंग में अहम फैसला लिया है। 

मीटिंग में निर्देश दिए गए हैं कि यू.टी. के सभी डिपार्टमैंट में स्क्रैप की ऑक्शन से पहले सैल की अप्रूवल लेनी जरूरी होगी। रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले डेढ़ साल में चंडीगढ़ की 40 हैरीटेज आइटम्स की विदेशों में ऑक्शन हो चुकी है, जिससे शहर को 2.14 करोड़ रुपए का चूना लगा है।

सख्ती से आदेशों की पालना करवाने के निर्देश :
इसे लेकर हाल ही में हैरीटेज आइटम्स प्रोटैक्शन सैल की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें सभी सदस्यों ने निर्देश दिए कि हैरीटेज फर्नीचर की तस्करी को रोकने के लिए यू.टी. के सभी डिपार्टमैंट्स में स्क्रैप की ऑक्शन से पहले सैल से इसकी अप्रूवल लेनी चाहिए। सैल के सदस्य एडवोकेट अजय जग्गा ने बताया कि यू.टी. के अधिकतर डिपार्टमैंट्स ऐसे हैं, जो बिना अप्रूवल ही स्क्रैप की ऑक्शन कर रहे हैं। 

यही वजह है कि शहर का हैरीटेज फर्नीचर विदेशों में पहुंच रहा है, जिसे रोकने के लिए सख्ती करनी होगी। इसके अलावा टूटे फर्नीचर को कैसे मैनेज किए जाना है, इसके लिए भी प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। विदेशी एम्बैसी को भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके वहां हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन होती है तो इस संबंध में उन्हें सूचित किया जाए।

लगातार नीलाम हो रही है धरोहर :
हैरीटेज फर्नीचर की विदेशों में लगातार ऑक्शन जारी है, पिछले दो महीनों में भी शहर की हैरीटेज आइटम्स की न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में ऑक्शन हो चुकी है। वहां लाखों रुपए में चेयर्स समेत अन्य हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन हुई है। 

इसके अलावा स्टूल, कॉफी टेबल, एग्जीक्यूटिव डेस्क, आर्म चेयर्स, लाऊंज चेयर्स, बुक केस, मैनहोल और डेमॉन्टेबल बैड आदि शामिल हैं। ये सभी आइटम्स प्रशासन की बिल्डिंग्स, पंजाब यूनिवर्सिटी और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से संबंधित है। 

गृहमंत्री को कर चुके हैं शिकायत :
सैल के सदस्य इस संबंध में गृहमंत्री से भी शिकायत कर चुके हैं। शिकायत में उन्होंने कहा था कि एम.एच.ए. ने ऑक्शन पर बैन लगाने के निर्देश जारी किए हुए हैं, लेकिन बावजूद इसके लगातार ऐसी ऑक्शन जारी है। 

जग्गा ने इस संबंध में कहा कि कुछ क्रिमिनल संगठन इस लूट को अंजाम दे रहे हैं और कल्चरल प्रॉपर्टी की ये तस्करी की जा रही है, जिनकी वैल्यू अरबों रुपए में है। उन्होंने गृहमंत्री से खुद इस मामले को देखकर इस संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगने की अपील की थी। वर्ष 2011 में भी प्रशासन ने कमेटी की अप्रूवल को लेकर एक ऐसे ही आदेशों जारी किए थे लेकिन बावजूद इसके उन आदेशों की सही रूप से सभी विभागों ने पालना नहीं की। 

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