Edited By bhavita joshi,Updated: 19 Apr, 2019 10:50 AM
शहर की हैरीटेज आइटम्स को बचाने के लिए अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है।
चंडीगढ़(राजिंद्र): शहर की हैरीटेज आइटम्स को बचाने के लिए अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है। इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन के हैरीटेज प्रोटैक्शल सैल के सदस्य एडवोकेट अजय जग्गा ने प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर को लैटर लिखकर अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि शहर के लिए गौरव की बात है कि वल्र्ड हैरीटेज साइट के रूप में उनके पास कैपिटल काम्पलैक्स है लेकिन बावजूद इसके ली काबूर्जिए और पिअरे जेनरे द्वारा डिजाइन हैरीटेज फर्नीचर की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इनके संरक्षण के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
पैंडिंग केसों के निपटारे के लिए एस.आई.टी. बनाई जाए
उन्होंने अपने सुझाव देते हुए कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स और चंडीगढ़ हैरीटेज के बीच सहयोग और बढऩा चाहिए, ताकि शहर के हैरीटेज फर्नीचर की विदेशों में नीलामी को रोका जा सकें और ये कीमती आइटम्स वापस लाई जा सकें। उन्होंने कहा कि पेरिस में वहां की पुलिस ने हमारी एंबैसी से संपर्क किया है, इसलिए सरकार को ऑक्शन रोकने के लिए आगे आना होगा। इसके अलावा हैरीटेज फर्नीचर को लेकर पैंडिंग केसों के निपटारे के लिए स्पैशल इन्वेस्टीगेशन टीम गठित की जानी चाहिए, क्योंकि यहां का फर्नीचर कस्टम में भी पकड़ा गया है।
इसके अलावा लोगों की भी समय-समय पर राय ली जानी चाहिए, ताकि वह भी इस संबंध में बात रख सकें। चंडीगढ़ में 100 करोड़ रुपए की हैरीटेज आइटम्स हैं। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के आदेशों को नोटीफाइड किया जाना चाहिए, जिसमें शहर के हैरीटेज फर्नीचर की सेल और एक्सपोर्ट पर बैन है। वल्र्ड हैरीटेज डे को बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए और लोगों को इस संबंध में अवेयर किया जाना चाहिए। हैरीटेज प्रोटैक्शन पॉलिसी बनाकर उसकी नोटीफिकेशन जारी की जानी चाहिए।