आईकार्ड चैक करने को लेकर कर्मचारी को हाईकोर्ट में प्रवेश से रोका, वकील ने मारी लात

Edited By Priyanka rana,Updated: 07 Aug, 2019 10:38 AM

high court

हरियाणा एडमिनस्ट्रैटिव ट्रिब्यूनल के गठन के विरोध में हाईकोर्ट के वकीलों की हड़ताल जारी है, जिसके चलते मंगलवार को भी अदालतों में कामकाज नहीं हो सका।

चंडीगढ़(रमेश) : हरियाणा एडमिनस्ट्रैटिव ट्रिब्यूनल के गठन के विरोध में हाईकोर्ट के वकीलों की हड़ताल जारी है, जिसके चलते मंगलवार को भी अदालतों में कामकाज नहीं हो सका। वकीलों ने हाईकोर्ट के गेट पर धरना जारी रखा हुआ है और किसी भी वकील या याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में घुसने नहीं दिया जा रहा, जिसके चलते हजारों लोग हाईकोर्ट से वकीलों को कोसते हुए बैरंग लौट रहे हैं। 

मंगलवार को वकीलों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के कर्मियों को भी कोर्ट के अंदर जाने से पहले आईकार्ड चैक करने शुरू कर दिए। इसका एक कर्मचारी ने विरोध किया तो बार कौंसिल के एक पदाधिकारी उससे उलझ गया और उसे लात तक मार दी। यह घटना हाईकोर्ट में आग की तरह फैल गई और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट कर्मचारी यूनियन ने उक्त घटना का संज्ञान लेते हुए वकीलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 

हालात बिगड़ते देख उक्त वकील व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से कर्मचारियों से माफी मांग कर मामला शांत किया। मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा जब वकील विकास मलिक ने जस्टिस राजबीर शेखावत के सचिव राजकुमार को भीतर जाने से पहले आईकार्ड दिखाने को कहा। राजकुमार का कहना था कि किसी भी वकील के पास उनका आईकार्ड चैक करने का अधिकार नहीं है। राजकुमार के विरोध के बाद दोनों में बहस हुई व वकील ने राजकुमार को लात मार दी। इस घटना के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और हाईकोर्ट कर्मचारी यूनियन आमने-सामने हो गई।

चीफ जस्टिस को दी शिकायत :
हाईकोर्ट कर्मचारी यूनियन ने चीफ जस्टिस से मिल कर आरोपी वकील विकास मलिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यूनियन ने चीफ जस्टिस को कहा कि हमें रोज बार के सदस्यों को आई कार्ड दिखाकर भीतर आना पड़ रहा है और बार के सदस्य उनके साथ कई बार बदसलूकी भी कर रहे हैं। 

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान ने भी चीफ जस्टिस से मिलकर इस घटना के लिए माफी मांगी लेकिन हाईकोर्ट कर्मचारी यूनियन मलिक के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने पर अड़े रहे। इस बीच मलिक ने यूनियन के बीच आकर सार्वजानिक रूप से माफी मांगी। 

बाद में वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने भी कर्मियों को शांत करने के लिए उनसे घटना के लिए माफी मांगी, जिसके बाद मामला शांत हुआ। हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सभी कर्मचारी अपने आई कार्ड गले में पहनकर आएं। बुधवार से वकील कर्मचारियों के आईकार्ड चैक नहीं करेंगे।  

वकील ही तोड़ रहे कानून :
नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोर्ट में जाने से रोकने का अधिकार बार एसोसिएशन के पास नहीं हैं लेकिन बार एसोसिएशन पिछले 13 दिन से नियमों को ताक पर रख कर न्याय की आस लेकर कोर्ट आने वाले लोगों को कोर्ट में जाने नहीं दे रही। 

हाईकोर्ट में रोजाना हजारों लोग अपने केस की सुनवाई के लिए आ रहे हैं लेकिन वकील न तो कोर्ट में पेश हो रहे हैं और न ही प्रभावित व्यक्ति को कोर्ट में जाने दे रहे, जो खुलेआम नियमों के खिलाफ है।

वकील कर रहे हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना :
24 जुलाई से हाईकोर्ट परिसर में वकीलों की और से धरने के दौरान लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि हाईकोर्ट के आदेशों की खिलाफत है। हाईकोर्ट की ओर से ही साइलैंस जोन में स्पीकर आदि बजाने और धरने-प्रदर्शन पर रोक लगाई है। हाईकोर्ट साइलैंस जोन का हिस्सा है, ऐसे में वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बनती है। 

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