जब हर दस्तावेज में वह पति है तो रेप कैसे माना जाए : हाईकोर्ट

Edited By Priyanka rana,Updated: 11 Dec, 2019 12:13 PM

high court

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि सरकारी दस्तावेजों और बैंक खातों में महिला ने पति लिखवाया है तो यौन संबंधों को रेप कैसे मना जा सकता है।

चंडीगढ़(हांडा) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि सरकारी दस्तावेजों और बैंक खातों में महिला ने पति लिखवाया है तो यौन संबंधों को रेप कैसे मना जा सकता है। 

हाईकोर्ट का कहना था कि शिकायतकर्ता महिला जेल वार्डन पढ़ी-लिखी है और कई तस्वीरों में भी साथ है। एक व्यक्ति लगातार सात वर्ष तक रेप कैसे कर सकता है। महिला ने शादी का झांसा देकर 7 वर्षों तक रेप करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था। 

हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है और ट्रायल लंबा चल सकता है ऐसे में जेल में बंद रखने का कोई फायदा नहीं। कोर्ट ने कहा कि महिला का आधार कार्ड, सरकारी नौकरी का रिकार्ड, बैंक व अन्य दस्तावेजों और कई फोटोग्राफ्स में उक्त दोनों पत्नी-पति एक साथ बैठे हैं। इससे साफ है कि दोनों लीव इन रिलेशनशिप में रहते थे। 

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने पूछा था कि क्या यह सब फर्जी है। इस पर एस.पी. ने कहा कि नहीं सब वास्तविक है। कोर्ट ने कहा कि याची की पत्नी कोई बच्ची नहीं है, वह सरकारी नौकरी कर रही है और सभी दस्तावेज में खुद वो याची को पति मान रही है ऐसे में दुष्कर्म का मामला कैसे दर्ज किया गया। पत्नी ने कोर्ट को बताया था कि याची विवाह करने का लालच देकर शारीरिक शोषण कर रहा था। 

वकील ने बैंच को बताया कि याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी 7 साल से अधिक समय से एक साथ रहे थे लेकिन एक दिन पत्नी घर कीमती सामान लेकर चली गई। इस कारण याची ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बदले में पत्नी, जो जेल वार्डन है, ने पति के खिलाफ पुलिस स्टेशन गोहाना में 7 सितम्बर को दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया।

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