Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Dec, 2019 08:52 AM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से 25 वर्ष या इससे अधिक वर्षों तक सेवाएं देने के बाद एक जनवरी 2006 ने 30 नवम्बर 2011 के बीच सेवानिवृत्त हुए उन हजारों कर्मियों को नववर्ष का तोहफा देते हुए पंजाब सरकार को आदेश जारी किए हैं
चंडीगढ़(हांडा) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से 25 वर्ष या इससे अधिक वर्षों तक सेवाएं देने के बाद एक जनवरी 2006 ने 30 नवम्बर 2011 के बीच सेवानिवृत्त हुए उन हजारों कर्मियों को नववर्ष का तोहफा देते हुए पंजाब सरकार को आदेश जारी किए हैं कि इन्हें भी पंजाब सरकार की 5वें वेतन आयोग के बाद लागू हुई नई पैंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। इन आदेशों को पंजाब सरकार को चार माह के भीतर लागू किए जाने को कहा गया है। कोर्ट ने इस संबंध में लंबित चल रहे 89 मामलों का एक साथ निपटारा कर दिया है।
जस्टिस अगस्टिन जॉर्ज मसीह ने पंजाब सरकार के वित्त विभाग की उस आपत्ति को गलत माना, जिसमें विभाग ने वर्ष 2006 से 2011 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को नई पैंशन स्कीम के तहत पैंशन लाभ देने पर सरकार पर पडऩे वाले 92 करोड़ के अतिरिक्त बोझ का हवाला देते हुए पंजाब सरकार की दयनीय वित्तीय स्थति का जिक्र किया था और कहा था कि सरकार अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाने की स्थिति में नहीं है।
एडवोकेट विकास चतरथ ने बताया कि कोर्ट ने सारा रिकार्ड जांचने के बाद पाया कि पंजाब सरकार ने जनवरी 2015 में जो पत्र जारी कर पांचवें वेतन आयोग का हवाला देते हुए नई पैंशन स्कीम का लाभ 1 दिसम्बर 2011 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों को दिया था, वह कानूनन सही नहीं है, क्योंकि पंजाब सरकार ने 5वें वेतन आयोग की सिफारिशें वर्ष 2006 से लागू की थीं, इसलिए उस अवधि के बाद से ही रिटायर होने वालों को सेवानिवृत्ति के लाभ मिलने चाहिए।