Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Feb, 2020 11:08 AM
खरड़ में निर्माणाधीन फ्लाईओवर में देरी को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को फटकार लगाई है।
चंडीगढ़(रमेश) : खरड़ में निर्माणाधीन फ्लाईओवर में देरी को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि निर्माण में हो रही देरी के चलते लोग परेशान हो रहे हैं ऐसे में फ्लाईओवर के निर्माण का औचित्य ही खत्म हो जाता है। कोर्ट ने निर्माण में देरी के कारण बताने के लिए कहा है।
फ्लाईओवर निर्माण में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) के संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के आदेश देते हुए जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस कर्मजीत सिंह की पीठ ने निर्देश दिए कि अगली सुनवाई से पहले पंजाब के मुख्य सचिव से बैठक कर जवाब दायर करें। एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर ने अदालत को बताया कि फ्लाईओवर के निर्माण को पूरा करने में कुछ बाधाएं आ रही हैं और इस संबंध में मुख्य सचिव को जानकारी दी जाएगी।
पिछली सुनवाई पर डायरैक्टर को किया था तलब :
याचिकाकर्ताओं के वकील चरणपाल सिंह बागड़ी ने कहा कि ग्माडा को क्षेत्र में स्थित एक गैस एजैंसी का निर्माण गिराने का अधिकार नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट ऐसे अन्य निर्माणों को गिराने पर रोक लगा चुका है। वीरेंद्र सिंह और अन्यों की याचिका पर पिछली सुनवाई दौरान एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर को अदालत में तलब कर लिया था।
31 मार्च, 2020 तक की है डैडलाइन :
गौरतलब है कि मोहाली जिला प्रशासन ने 31 मार्च, 2020 तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने की तिथि निर्धारित की है। इससे पहले भी अवधि को कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है।
खरड़ से लुधियाना मार्ग पर फ्लाईओवर निर्माण संबंधी मामले में ही ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (ग्माडा) द्वारा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को गिराने के आदेशों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने गत दिन अपने आदेशों में कहा था कि जिस क्षेत्र का मास्टर प्लान अधिसूचित न हो वहां क्षेत्रीय प्राधिकरण भवन गिराने के आदेश नहीं दे सकता।