PGI कर्मियों के प्रोटैस्ट और हड़ताल पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Edited By Priyanka rana,Updated: 07 Mar, 2020 03:22 PM

high court

पेशैंट केयर अलाऊंस और दूसरा कैडर रिव्यू की सिफारिशें लागू किए जाने की मांगों को लेकर पी.जी.आई. टैक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन की और से किए जा रहे प्रोटैस्ट और आने वाले दिनों में घोषित प्रदर्शन, सामूहिक अवकाश व अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी को लेकर...

चंडीगढ़(रमेश) : पेशैंट केयर अलाऊंस और दूसरा कैडर रिव्यू की सिफारिशें लागू किए जाने की मांगों को लेकर पी.जी.आई. टैक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन की और से किए जा रहे प्रोटैस्ट और आने वाले दिनों में घोषित प्रदर्शन, सामूहिक अवकाश व अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने किसी भी तरह के प्रोटैस्ट व प्रदर्शन पर रोक लगते हुए यूनियन को नोटिस जारी किया है। 

कोर्ट ने टैक्नोलॉजिस्ट यूनियन, ओ.टी. टैक्नीशियन स्टाफ, पी.जी.आई. इम्पलाई यूनियन को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कर्मचारी यूनियनों की और से घोषित 12 मार्च को एक घंटे प्रोटेस्ट, 19 को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और 7 अप्रैल को सामूहिक अवकाश नहीं लिया जाए।

मरीजों के साथ अन्याय नहीं कर सकते कर्मचारी :
विजय बंसल नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल हुई जनहित याचिका में पी.जी.आई. कर्मियों के उक्त प्रोटैस्ट को ईस्ट पंजाब एसैंशियल सर्विस (मैंटीनैंस) एक्ट 1947 की अवहेलना बताते हुए कहा है कि कार्य समय में कर्मी कामकाज रोक कर पी.जी.आई. आने वाले मरीजों के साथ अन्याय नहीं कर सकते। 

याचिका में कहा गया है कि पी.जी.आई. उत्तर भारत का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है, जहां हर रोज हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व अन्य राज्यों से हजारों मरीज इलाज को आते हैं और सैंकड़ों ऑपरेशन किए जाते हैं। ऐसे में अगर कर्मचारी काम छोड़ प्रोटैस्ट करेंगे तो यह मरीजों की जान से खिलवाड़ होगा, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।

कोरोना वायरस के कहर का भी दिया हवाला :
याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में पूरा देश कोरोना वायरस को लेकर सकते  में मैडीकल एमरजैंसी घोषित की जा चुकी है अस्पतालों को विशेष इंतजाम करने को कहा जा रहा है और पी.जी.आई. में कोरोना वायरस के संभावित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और आने वाले दिनों में पूरे उत्तर भारत से संभावित मरीज पी.जी.आई. आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। 

अगर पी.जी.आई. के टैक्नीशियन ओ.टी. टैक्नीशियन और अन्य कर्मी हड़ताल पर रहेंगे या वर्किंग आवर्स में प्रोटैस्ट करेंगे तो बड़ी परेशानियां पेश आ सकती हैं इसलिए पी.जी.आई. कर्मियों के प्रोटैस्ट को रोकना जरूरी है। याची ने पी.जी.आई. कर्मियों के प्रोटैस्ट को गैरकानूनी बताया है, जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और पी.जी.आई. कर्मियों के किसी भी तरह के प्रोटैस्ट और हड़ताल पर रोक लगा दी है।

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