प्राइवेट स्कूलों के संचालक पहुंचे हाईकोर्ट, कहा - स्टाफ को सैलरी देनी हैं, फीस लेने की अनुमति दी जाए

Edited By Priyanka rana,Updated: 14 May, 2020 10:15 AM

high court

निजी स्कूलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नए सत्र की फीस लेने के लिए अंतिम तिथि घोषित करने कौ मांग की है

चंडीगढ़ (रमेश) : निजी स्कूलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नए सत्र की फीस लेने के लिए अंतिम तिथि घोषित करने कौ मांग की है, जिस पर चंडीगढ़ प्रशासन ने लॉकडाउन के चलते रोक लगा रखो है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है। मामले की सुनवाई अब 22 मई को होगी।

कोरोना के कारण दो माह से स्कूल बंद हैं। बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर सभी कक्षाओं के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। निजी स्कूलों ने स्ट्डैंट्स की ऑनलाइन क्लासिस भी शुरू को हुई हैं। टीचर्स स्ट्डैंट्स को ऑनलाइन पढ़ा भी रहे हैं, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने आदेश पारित कर निजी स्कूलों को फीस लेने के लिए अंतिम तारीख घोषित नहीं करने को कहा है, जिसके चलते पेरेंट्स नए सत्र की फीस व एडमिशन फीस जमा नहीं करवा रहे।

बैंक की किश्त कहां से दें :
ये पक्ष का कहना था कि अभी स्कूलों के खुलने की उम्मीद कम है, जिसके चलते स्टाफ और टीचर्स को सैलरी देने के लिए स्कूलों के पस पैसा नहीं है। अन्य खर्च भी संचालक नही उठा पा रहे, जिसमें बैंक लोन की किश्त, बस ड्राइवरों व अन्य स्टाफ का खर्च शामिल है। 

उनका कहना था कि अगर कुछ और माह बाद फीस की अंतिम तिथि घोषित की जाएगी तो अभिभावकों पर फीस का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, इसलिए प्रशासन द्वारा जारी आदेश निरस्त किए जाने चहिए। प्रशासन के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि निजी स्कूल कई पेरेंट्स से फीस व अन्य फंड ले चुके हैं। यही कारण है कि कह बैलेंसशीट और फंड्स की जानकारी नहीं दे रहे।

फंड्स और बैलेंस शीट का नहीं दिया ब्यौरा :
याचिकाकर्ता निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि फीस की स्कूलों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने एकमात्र साधन है, जो कि बंद है। ऐसे में उन्हें टीचर्स व स्टाफ को वेतन देने व अन्य जरूरी खचों के लिए परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। 

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि स्कूल प्रशासन ने डिजिटल सिस्टम से पढ़ाई शुरू करवा दी है, जिस पर भी खर्च हुआ है, लेकिन उन्हें फीस की अंतिम तिथि घोषित नहीं करने दी जा रही, जो कि न्यायसंगत नहीं है। याची पक्ष ने आदेश रद्द करने की मांग की। 

वहीं प्रशासन के अधिवक्ता पंकज जैन ने बताया कि प्रशासन की ओर से सभी निजी स्कूलों को बैलेंस शीट जमा करवाने को कहा गया था, लेकिन किसी ने फंड की जानकारी नहीं दी न ही बैलेंस शीट जमा करवाई है। 

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