CCTV कैमरे लगाने की स्टेटस रिपोर्ट पेश करे चंडीगढ़ पुलिस : हाईकोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Apr, 2018 09:18 AM

high court

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि जरूरी है तो स्नैचिंग मामलों में कड़ी सजा के प्रावधान के लिए अध्यादेश लाए।

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि जरूरी है तो स्नैचिंग मामलों में कड़ी सजा के प्रावधान के लिए अध्यादेश लाए। इसके लिए केंद्र को विचार करने को कहा गया है। अध्यादेश को मानसून सत्र में मंजूर करवाया जा सकता है। यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में बढ़ रही स्नैचिंग को लेकर दायर जनहित याचिका पर की। 

हाईकोर्ट ने कहा कि जब एस.एस.पी. पेश हुई थी तो बताया था कि एक हफ्ते में स्नैचिंग की केवल एक घटना हुई और उनके हाईकोर्ट से जाने के बाद दो और हो गईं। यह सराहनीय नहीं है। शायद हाईकोर्ट की गलती थी कि यू.टी. पुलिस के लिए उस दिन प्रशंसनीय शब्दों का प्रयोग किया। 

वहीं, चंडीगढ़ पुलिस को प्रति वर्ष के हिसाब से सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित करने की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया था कि पंजाब की तर्ज पर स्नैचिंग मामलों में सख्त सजा के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा था जो गृह मंत्रालय में लंबित है।  

डी.एस.पी. क्राइम का एफीडैविट पेश :
डी.एस.पी. (क्राइम) ने स्नैचिंग की घटनाएं रेाकने के लिए क्राइम ब्रांच के एंटी स्नैचिंग, रॉबरी एंड डकैती सेल की ओर से दिन और रात में नाकों की जानकारी दी। इसके अलावा पकड़े स्नैचर्स और रिकवरी की जानकारी भी एफिडैविट में दी। 

बताया गया कि पी.सी.आर. पैट्रोलिंग की जा रही है और कैमरे भी स्थापित किए हैं। इंस्पैक्टर अमनजोत सिंह एंटी स्नैङ्क्षचग सैल के हैड हैं जिनके नेतृत्व में स्नैचर्स पकड़े हैं।

कैमरों से एक भी आरोपी नहीं पकड़ा गया : याची
आर.टी.आई. से प्राप्त जानकारी के बारे में याची एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया कि शहर में सी.सी.टी.वी. कैमरों में स्नैचिंग का एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया। वहीं, बताया कि आर.टी.आई. के मुताबिक कई गंभीर आरोपी हैं जिन्होंने 6 बार से अधिक या एक साल से ज्यादा समय तक स्नैचिंग की। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कैसे गंभीर आरोपियों को आसानी से जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने आरोपियों की बेल राशि बढ़ाए जाने और श्योरिटी भी जांचने की बात कही। 

वहीं, हाईकोर्ट में दिए एफिडैविट में यू.टी. ने कहा था कि अधिकतर स्नैचर्स ड्रग एडिक्ट हैं। ऐसा है तो प्रशासन उनके इलाज के लिए क्या कदम उठा रहा है। वहीं, बताया कि यू.टी. पुलिस ने कभी भी स्नैचर्स का डोप टैस्ट नहीं करवाया। अगली सुनवाई 10 मई तय करते हुए याची को कहा कि बैंच को लिखित में सुझाव दे ताकि फैसले का हिस्सा बनाया जा सके।
 

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