Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2018 10:32 AM
एच.आई.वी. ग्रस्त महिला द्वारा 14 सप्ताह का गर्भ गिराने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने वीरवार को सुनवाई करते हुए राजिंद्रा हॉस्पिटल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को एफीडैविट फाइल करने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : एच.आई.वी. ग्रस्त महिला द्वारा 14 सप्ताह का गर्भ गिराने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने वीरवार को सुनवाई करते हुए राजिंद्रा हॉस्पिटल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को एफीडैविट फाइल करने के आदेश दिए हैं। एफिडैविट में बताया जाए कि क्यों महिला की गर्भपात को लेकर मैडीकल टर्मिनेशन ऑफ प्रैग्नैंसी (एम.टी.पी.) की मांग को दरकिनार कर दिया गया जबकि उसने अपनी मंजूरी दी थी।
हाईकोर्ट ने पूछा कि कारण बताए कि क्यों याची की इच्छा के मुताबिक प्रक्रिया की पालना नहीं की गई। हाईकोर्ट ने कहा कि इस बीच पी.जी.आई. में एम.टी.पी. करने की संभावनाएं खोजी जाएं। याची महिला को एच.आई.वी. पॉजीटिव बताते हुए एम.टी.पी. के लिए कार्रवाई की जा सकती है वाली डिपार्टमैंट ऑफ ऑबस्टैट्रिक्स एंड गायनोकलॉजी की प्रोफै सर डा. रश्मि बगगा की राय का हाईकोर्ट ने सम्मान किया है।
डाक्टरों का निर्णय याची के हक में हो :
हाईकोर्ट ने कहा कि पी.जी.आई. में डाक्टरों द्वारा उचित कार्रवाई की जा सकती है। अपनी मर्जी से एम.टी.पी. के लिए याची पी.जी.आई. के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को स्पैशल केस के रूप में ऑऊट ऑफ टर्न के लिए रिपोर्ट करेगी। यहां के डाक्टर्स उसके भ्रूण की स्थिति, याची के स्वास्थ्य व गर्भ की स्थिति का मूल्यांकन कर स्वतंत्र रूप से निर्णय लें।
जिसमें किसी अन्य विचार से प्रभावित न हो, बशर्ते वह याची के हित में हो, जिसमें कोर्ट द्वारा कोई आगामी आदेश भी शामिल हो सकता है। वहीं एम.टी.पी. की कार्रवाई करें, भले ही याची का पति इसकी मंजूरी न दे। हाईकोर्ट ने कहा कि मामला अब डाक्टरों की बुद्धिमता पर छोड़ते हैं। एम.टी.पी. के लिए मंजूरी याची महिला और उसके परिजनों ने दी थी। 23 जुलाई को केस की अगली सुनवाई होगी।
यह था मामला :
गौरतलब है कि पंजाब की एक गर्भवती महिला ने खुद को एच.आई.वी. पॉजीटिव बताते हुए अपनी 14 सप्ताह की प्रैग्नैंसी की मैडीकल टर्मिनेशन (गर्भपात) के लिए याचिका दायर की थी। दायर याचिका के मुताबिक महिला का पति एच.आई.वी. पॉजीटिव है।
यह तथ्य याची महिला को शादी के वक्त नहीं बताया गया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर पी.जी.आई. ने रिपोर्ट में महिला को एच.आई.वी. पॉजीटिव बताया था। वहीं राय दी थी कि इस वक्त यह पता लगाना संभव नहीं है कि भ्रूण एच.आई.वी. पॉजीटिव है या नहीं।