Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Aug, 2018 10:12 AM
गांव फैदा निजामपुर, बुड़ैल, सैक्टर-47 में अवैध निर्मार्णों को ढहाने के लिए प्रशासन द्वारा पंजाब न्यू कैपिटल(पैरीफेरी) कंट्रोल एक्ट के तहत जारी नोटिसों को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : गांव फैदा निजामपुर, बुड़ैल, सैक्टर-47 में अवैध निर्मार्णों को ढहाने के लिए प्रशासन द्वारा पंजाब न्यू कैपिटल(पैरीफेरी) कंट्रोल एक्ट के तहत जारी नोटिसों को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
हाईकोर्ट ने पाया कि मामले में वर्क्स ऑफ डिफैंस एक्ट के तहत ही कार्रवाई बनती थी। ऐसे में प्रशासन को कहा गया है कि उचित्त प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। गांव फैदा निजामपुर के राज कुमार समेत 50 निवासियों की अलग-अलग याचिकाओं में संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट के 100 मीटर के रेडियस में यह निर्माण हो रखे थे जिसे लेकर वक्र्स ऑफ डिफैंस एक्ट के तहत ही कार्रवाई बनती थी। मामले में कें द्र, चंडीगढ़ प्रशासन, डी.सी. व लैंड एक्विजिशन ऑफिसर को पार्टी बनाते हुए डिमोलिशन के आदेशों को चुनौती दी गई थी।
मांग की गई थी कि प्रशासन द्वारा याचियों के घर ढहाने को लेकर जारी डिमोलिशन आदेशों को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट ने मामले में एक पूर्व सुनवाई पर प्रशासन के संबंधित आदेशों पर स्टे लगा दिया था।
ये दलीलें दी थीं :
राज कुमार वाली मुख्य याचिका में कहा गया था कि मामले में याचिकाकर्ताओं के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड हैं और वह रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। उन्हें बिजली भी मुहैया करवाई गई है। उनके घर सैक्टर-47 में वार्ड नंबर-23 का हिस्सा हैं। याची पक्ष की ओर से एडवोकेट अरमान सग्गर ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि गांव फैदा बुड़ैल चंडीगढ़ में आता है और पंजाब न्यू कैपिटल (पैरीफैरी) कंट्रोल एक्ट के प्रावधान उन पर लागू नहीं होते।
वहीं एक्ट की धारा 15 के तहत रिहायशी घरों को छूट है। उनके घर गांव की आबादी में हैं और बच्चे चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलो में पढ़ रहे हैं। कहा गया कि डिमोलिशन की कार्रवाई के बारे में याचियों को जानकारी नहीं दी गई व कुछ को नोटिस प्राप्त नहीं हुए।
अवैध निर्माण को लेकर शुरू की थी कार्रवाई : यू.टी. प्रशासन
प्रशासन के काऊंसिल ने बताया कि वर्ष 2011 अधिसूचना के मुताबिक एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर के रेडियस में निर्माण नहीं हो सकता। गांव फैदा निजामपुर समेत कुछ अन्य गावों में स्थानीय निवासियों ने लाल डोरे के बाहर अवैध निर्माण कर रखा था। जिसे लेकर नोटिस जारी किए गए थे। करीब 264 अवैध निर्माण किए गए थे।