Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Sep, 2018 02:20 PM
पंजाब में बेअदबी की घटनाओं के दौरान हुए रोष-प्रदर्शन और गोलीबारी के आरोपों का सामना कर रहे दो पूर्व एस.एस.पी. और एक एस.एच.ओ. के खिलाफ अगली कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश से एक हफ्ते बाद राज्य सरकार ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर कर...
चंडीगढ़ : पंजाब में बेअदबी की घटनाओं के दौरान हुए रोष-प्रदर्शन और गोलीबारी के आरोपों का सामना कर रहे दो पूर्व एस.एस.पी. और एक एस.एच.ओ. के खिलाफ अगली कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश से एक हफ्ते बाद राज्य सरकार ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर कर दिया है। साथ ही अदालत से अपने अंतरिम आदेश को वापिस लेने की विनती की है।
पंजाब सरकार ने अपने जवाब में कहा कि अंतरिम राहत देने से बहुत बड़ी समस्याएं हो सकती हैं और यह याचिओं के खिलाफ किसी भी किस्म की कार्रवाई पर मुकम्मल रोक के बराबर है। पूर्व ए.एस.पी. चरणजीत सिंह और रघुवीर सिंह संधू और तत्काली एस.एच.ओ. बाजाखाना अमरजीत सिंह ने अपनी याचिका में कहा था पहले जस्टिस जोरा सिंह कमिशन के बाद दूसरा कमिशन कायम नहीं किया जा सकता। जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन ने कानून के खिलाफ जाकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है।
इन याचिकाओं का जवाब देते हुए सरकार ने दावा किया कि एक के बाद दूसरा कमिशन कायम करने से कोई पाबंदी नहीं लगी हुई। असलियत में एक समय में दो कमिशनों को काम करने में भी कोई पाबंदी नहीं हैं। सरकार का कहना था कि जस्टिस जोरा सिंह कमिशन की रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी। इस करके नया जाँच कमिशन कायम किया गया था। जस्टिस जोरा सिंह कमिशन के कार्यकाल की रिपोर्ट दाखिल करवाने से अपने आप ही पूरा हो गया था और कानूनों की नजरों में इसकी कोई महत्वता नहीं रह गई थी।