Edited By Priyanka rana,Updated: 19 May, 2019 08:09 AM
चंडीगढ़ में गरीबों को पुन: बसाने वाली बहुचर्चित स्कीम स्माल फ्लैट स्कीम 2006 को आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ में गरीबों को पुन: बसाने वाली बहुचर्चित स्कीम स्माल फ्लैट स्कीम 2006 को आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
शर्तें एकतरफा :
यह चुनौती धनास के रहने वाले राजिंद्र कुमार तथा अन्य ने चंडीगढ़ प्रशासन एवं अन्य के खिलाफ डायरी न. 2670759 के तहत फाइल केस में दी है। याचिका एडमिट कर दी गई है। याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन एवं अन्यों ने गरीब झुग्गी झोंपड़ी वालों को धनास में जो 8 हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर दिए हैं वे 20 वर्षों के लिए जिन शर्तों पर इन्हें किराए पर दिए गए थे वे शर्तें पूर्णत: एकतरफा शर्तें हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने गरीबों को उक्त फ्लैट 20 साल के लिए मासिक किराए पर दिए हैं, 20 वर्षों के बाद इन गरीबों का क्या होगा यह कोई नहीं जानता। इतना ही नहीं, जबकि पूरे शहर में फ्लैटों की कीमत ग्राऊंड फ्लोर पर सबसे ज्यादा, फर्स्ट पर कम और उसके ऊपर क्रमानुसार कम रखी जाती है, मगर यहां इन फ्लैटों में सारी फ्लोर का किराया जानबूझकर एक ही रखा गया है जो गरीबों के साथ ज्यादती नहीं तो और क्या है।
यह भेदभाव उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं है। गौरतलब है कि इस स्कीम की शर्तों को चुनौती देने वालों में करीब 50 विभिन्न पटीशनर्ज हैं जो इसी धनास के रहने वाले हैं। याद रहे उक्त स्कीम को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लागू करवाया था।