Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 11:35 AM
बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखे बजाने, भारी आवाज वाले मोडीफाइड साइलैंसर लगाने समेत वाहनों पर मल्टीप्रैशर हार्न, ऊंची आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखे बजाने, भारी आवाज वाले मोडीफाइड साइलैंसर लगाने समेत वाहनों पर मल्टीप्रैशर हार्न, ऊंची आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
इस दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मौखिक आदेशों में चंडीगढ़ प्रशासन को उन आफेंडर्स की चालानों को लेकर विस्तृत सूची पेश करने को कहा है जिनके मोडीफाइड साइलैंसर के एक से अधिक बार चालान हुए हैं।
हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से भी मोडीफाइड साइलैंसर्स चालानों का रिकार्ड मांगा है। दरअसल प्रशासन ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि उनकी ओर से संबंधित अपराध का चालान काट दिया जाता है जिसके बाद आफेंडर्स कोर्ट से सस्ते में चालान छुड़वा लेते हैं जबकि चंडीगढ़ पुलिस ने 1000 रुपए चालान फिक्स किया हुआ है।
हाईकोर्ट ऐसे आफेंडर्स को समन कर केस में पार्टी बनाने पर विचार कर सकती है। वहीं, हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों पर चंडीगढ़ प्रशासन ने मोडीफाइड साइलैंसर, प्रैशर हार्न आदि ध्वनि प्रदूषण से जुड़े चालानों की विस्तृत जानकारी कोर्ट को पेश की। केस की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी करेगा कार्रवाई
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से बुलेट मोडीफाइड साइलैंसरों के और तेज आवाज में म्यूजिक बजाने के वर्ष 2017 में हुए चालानों में आफेंडर्स की जानकारी व निचली कोर्ट द्वारा उनके किए चालानों की जानकारी भी सौंपी है। 425 आफेंडर्स की जानकारी दी गई है। निचली कोर्ट ने उनका 200 रुपए से हजार रुपए तक का चालान किया हुआ है।
इसके अलावा मोडीफाइड साइलैंसर्स के सैक्टर 11 थाना क्षेत्र के अंतर्गत पी.यू./पी.जी.आई. और सैक्टर 15 में 336 चालानों, सैक्टर 3 थाने के अंतर्गत सैक्टर-1 से सैक्टर-6 व सैक्टर-8 से 10 तक 30 चालान व सैक्टर-26 थाने के अंतर्गत जी.जी.एस. कॉलेज व सैक्टर-7 में 59 चालानों की जानकारी दी गई है।
वहीं, मोडीफाइड साइलैंसर्स को लेकर समाचार पत्रों में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा निकाले गए विज्ञापनों एवं किए गए व चलाए गए जागरूकता अभियान की जानकारी दी। इसके अलावा बताया गया कि चंडीगढ़़ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भी इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखा गया है। लगभग 250 पन्नों की जानकारी सौंपी गई है।
हरियाणा, पंजाब को भी पार्टी बनाने की मांग
वहीं, यू.टी. के सरकारी काऊंसिल सुवीर सहगल ने बताया कि ऐसे आफेंडर्स पंजाब व हरियाणा राज्यों से जुड़े लोगों के भी होते हैं। चंडीगढ़ में कहीं मोडीफाइड साइलैंसर्स की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती।
यह पंजाब व हरियाणा में होती है। इन राज्यों को भी मामले में पार्टी बनाया जाए। हालांकि फिलहाल हाईकेोर्ट ने नोटिस जारी नहीं किया। हरियाणा को इन चालानों के संबंध में पत्र लिख जानकारी दी है।
केस का निपटारा कर दिया तो फिर से आफेंडर्स बढ़ जाएंगे
हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि मोडीफाइड साइलैंसर्स की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है मगर यदि केस का निपटारा कर दिया गया तो फिर से ऐसे आफेंडर्स बढ़ जाएंगे।