लोकप्रिया विल्डवेल को नहीं देना होगा 20 प्रतिशत ब्याज

Edited By ashwani,Updated: 22 Oct, 2020 09:21 PM

hotel marriott

होटल मैरियट प्रबंधन को मिली राहत, एडवाइजर की कोर्ट ने चीफ एडमिनिस्ट्रैटर के आदेश किए रद्द  उचित निर्णय लेने के लिए एडिशनल कमिश्नर एम.सी. को दोबारा भेजा केस

चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा) : प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा की कोर्ट ने लोकप्रिया विल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के सैक्टर-35 स्थित होटल मैरियट साइट ब्लॉक नंबर 6 को लेकर नगर निगम द्वारा ग्राऊंड रैंट न जमा करवाने के चलते 20 प्रतिशत ब्याज लगाने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। सलाहकार की कोर्ट ने कहा कि नियमों के तहत 20 प्रतिशत ब्याज सही नहीं लगाया गया है, जिसके चलते वह निचली कोर्ट के आदेश को रद्द करते हैं। कोर्ट ने उचित निर्णय लेने के लिए एडिशनल कमिश्नर एम.सी. को दोबारा केस वापस भेज दिया है और याचिकाकत्र्ता को अपना पक्ष रखने के लिए उचित समय देते हुए कानून के तहत ही निर्णय लेने के लिए बोला है।

 


पुनर्विचार याचिका दायर की थी
याचिकाकत्र्ता की काऊंसिल विकास जैन ने बताया कि एम.एस. लोकप्रिया विल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर हरपाल सिंह ने चीफ एडमिनिस्ट्रैटिव के 20 मार्च , 2020 और 13 मई, 2020 के आदेशों के खिलाफ ही ये पुनर्विचार याचिका दायर की थी। 28 जुलाई को हियरिंग के लिए केस फिक्स किया गया था और इसके बाद ही आदेशों को रिजर्व रख लिया गया था। याची ने अपील में कहा कि चीफ एडमिनिस्ट्रैटिव की तरफ से उनकी अपील को रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा निगम के एडिशनल कमिश्नर की तरफ से ग्राऊंड रैंट जमा न करवाने के चलते साइट की अलॉटमैंट, लीज को कैंसिल कर दिया गया था। उन्होंने अपील में कहा कि अलॉटमैंट लैटर में कंडीशन नंबर 5 को लागू करते हुए ग्राऊंड रैंट जमा न करवाने के चलते गलत :प से 20 प्रतिशत ब्याज लगाया गया। 
प्रिंसीपल अमाऊंट ऑफ प्रीमियम जमा करवाया है
बताया कि कंडीशन नंबर 5 ग्राऊंड रैंट जमा करवाने के चलते नहीं, बल्कि प्रिंसीपल अमाऊंट ऑफ प्रीमियम जमा न करवाने के चलते लागू होती है। याची ने कहा कि उन्होंने प्रिंसीपल अमाऊंट ऑफ प्रीमियम पूरी तरह से जमा करवाया है, जिसके चलते ही निगम के एडिशनल कमिश्नर की तरफ से गलत रूप से साइट की लीज कैंसिल की गई व ग्राऊंड रैंट जमा न करवाने के चलते 20 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है। इसके बाद ही चीफ एडमिनिस्ट्रैटिव की तरफ से भी उनकी अपील रद्द कर दी गई। याची की तरफ से कहा गया कि वह नियमित रुप से अपना ग्राऊंड रैंट जमा करवाते रहे। 


बिजनैस में मंदी के कारण समय पर नहीं जमा करवा पाए ग्राऊंड रैंट
पिछले कुछ साल में बिजनैस में मंदी के चलते वह अपना अमाऊंट समय पर जमा नहीं करवा पाए। अपील में कहा कि निगम की तरफ से गलत रूप से 20 प्रतिशत ब्याज लगाया गया, जो कानून के तहत सही नहीं है, जबकि नियमों के तहत इससे कम ब्याज बनता है, जिसके बाद ही ये पुनर्विचार याचिका दायर की गई। वहीं एडवाइजर की कोर्ट की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया कि अलॉटमैंट लैटर की कंडीशन 5 के तहत 20 प्रतिशत ब्याज प्रिंसीपल अमाउंट ऑफ प्रीमियम के मामले में लागू होता है। वहीं ग्राऊंड रैंट को लेकर एक्ट और अलॉटमैंट लैटर के अंदर भी अलग प्रावधान हैं। 

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