खुलासा : हाऊसिंग बोर्ड ने ठगा 2100 परिवारों को, फ्री होल्ड जमीन खरीद कर बेचे लीज होल्ड फ्लैट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 08:01 AM

housing board

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने सैक्टर-63 में अफोर्डेबल हाऊसिंग स्कीम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से वर्ष 2004 में फ्री होल्ड के तहत 34.64 करोड़ में जमीन खरीदी थी, जिस पर एक, दो व तीन कमरों के 2150 फ्लैट बनाए गए और वर्ष 2015 में लीज होल्ड पर अलॉट कर दिए गए,...

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने सैक्टर-63 में अफोर्डेबल हाऊसिंग स्कीम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से वर्ष 2004 में फ्री होल्ड के तहत 34.64 करोड़ में जमीन खरीदी थी, जिस पर एक, दो व तीन कमरों के 2150 फ्लैट बनाए गए और वर्ष 2015 में लीज होल्ड पर अलॉट कर दिए गए, जिसे वहां रहने वाले लोग अपने साथ हुई बड़ी ठगी मान रहे हैं। 

 

हाऊसिंग बोर्ड ने आर.टी.आई. के तहत अलाटमैंट लेटर की प्रति दी है, जिसमें साफ है कि बोर्ड ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री भी अपने नाम करवाई थी। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा कोई कानून या एक्ट नहीं है जिसके तहत फ्री होल्ड जमीन लेकर प्लॉट या फ्लैट बना कर लीज होल्ड में बेचे जा सके। 

 

ग्राऊंड रैंट में भी बड़ी ठगी :
हाऊसिंग बोर्ड ने लीज होल्ड में फ्लैट अलॉट करने के बाद उसे फ्री होल्ड में तब्दील करने के लिए दो लाख से लेकर चार लाख रुपए फीस रखी है, जिससे वह करीब 50 करोड़ की राशि लोगों से वसूलेगा, इसके अलावा फ्री होल्ड खरीदी गई जमीन में बने फ्लैट अलॉटियों से वार्षिक ग्राऊंड रैंट भी वसूला जा रहा है, जो फ्लैट की कीमत का .25 प्रतिशत है। ग्राऊंड रैंट में भी बड़ी ठगी हो रही है। 

 

हाऊसिंग बोर्ड हर एक फ्लैट अलॉटी से ग्राऊंड रैंट वसूल रहा है वह भी फ्लैट की पूरी कीमत पर जबकि सरकार द्वारा निर्धारित फार्मूले के तहत दो तिहाई कंस्ट्रक्शन कॉस्ट रहेगी। एक तिहाई जमीन की ऐसे में दो कमरों के फ्लैट में जमीन की कीमत करीब 10 लाख बनती है, जिस पर ग्राऊंड रैंट लिया जा सकता है वह भी हर मंजिल में डिवाइड किया जाएगा, लेकिन बोर्ड हर मंजिल के फ्लैट की कीमत पर ग्राऊंड रैंट ले रहा है। प्रतिवर्ष उक्त राशि करीब 50 लाख बनती है, जो 33 वर्ष बाद बड़ा दी जाएगी। 

 

अगर कोई व्यक्ति फ्लैट बेचता है तो उसे कुल कीमत का 15 प्रतिशत ट्रांसफर फीस के रूप में देना होता है। रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन के एडवाइजर विनोद कुमार, संयुक्त सचिव आर.के. मोंगा व अन्य ने बताया कि वह लोग प्रधानमंत्री कार्यालय और चीफ विजिलैंस अधिकारी व सी.बी.आई. प्रमुख को भी शिकायत भेज रहे हैं, ताकि उच्चस्तरीय जांच कर हाऊसिंग बोर्ड का असल चेहरा सामने लायाजा सके।

 

पुलिस ने दर्ज की शिकायत :
इस संबंध में रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन की और से चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी.एस. बदनौर, पुलिस प्रमुख तेजिंद्र सिंह लूथरा, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन और फॉसवैक के अध्यक्ष को पत्र लिखकर जांच करवाए जाने की मांग की थी। पुलिस प्रमुख तेजिंद्र सिंह लूथरा को भेजी शिकायत पर मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस की पब्लिक विंडो में शिकायत रजिस्टर्ड (201801287 ) कर ली गई है, जो कार्रवाई के लिए एस.एस.पी. को भेजी जा चुकी है। 

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