Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2018 08:12 AM
पुनर्वास योजना के तहत मलोया में बने 4960 फ्लैटों की अलॉटमैंट चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड द्वारा 1 अक्तूबर से शुुरू की जाएगी।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : पुनर्वास योजना के तहत मलोया में बने 4960 फ्लैटों की अलॉटमैंट चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड द्वारा 1 अक्तूबर से शुुरू की जाएगी। यहां फ्लैटों का निर्माण कार्य दो साल पहले पूरा हो चुका है लेकिन रोड, सीवरेज, वाटर कनैक्शन और अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का काम अभी जारी है।
यहां तक कि 60 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमैट प्लांट का काम भी अभी बाकी है। हाऊसिंग बोर्ड के सीनियर अधिकारी ने बताया कि अक्तूबर में वह फ्लैट अलॉटमैंट का काम शुरू करेंगे। जो भी काम अभी पैंडिंग है, उसे वह अगले दो माह में पूरा कर लेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई माह में इन फ्लैटों की चाबियां लोगों को सौंपनी थीं लेकिन प्रोजैक्ट पूरा न होने के चलते यह कार्यक्रम रद्द हो गया था। इन फ्लैटों का निर्माण कार्य जून 2014 में 250 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था। पुनर्वास योजना चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड द्वारा लागू की जाती है और अभी तक 2006 के बायोमैट्रिक सर्वे के तहत 23974 लोग सामने आए, जिनमें से 12736 के लिए मकानों का निर्माण किया जा चुका है।
बोर्ड इसके अलावा इस स्कीम के अंडर शहर में आठ अलग-अलग जगहों पर 25 हजार फ्लैटों का निर्माण कर चुका है, जिसमें सैक्टर-49, सैक्टर-38 वैस्ट, रामदरबार, मौली जागरां और धनास शामिल है। अलॉटीज को हर माह एक हजार रुपए 20 साल तक लाइसैंस फीस जमा करवानी होगी और इसके बाद फ्लैट का मालिकाना हक लेने के लिए उन्हें बाकी राशि जमा करवानी होगी।
एस.टी.पी. के लिए प्रशासन निगम को देगा 20 करोड़ :
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) के लिए प्रशासन निगम को 20 करोड़ रुपए देगा, क्योंकि फिलहाल इसका 40 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। निगम वित्तीय संकट से गुजर रहा है, इसलिए बाकी का काम पूरा करने के लिए प्रशासन उसे यह राशि देगा। यह मकान उन कॉलोनीवासियों को दिए जाने हैं, जिन्हें प्रशासन शहर को स्लम फ्री करने के लिए हटा रहा है।