CHB ने जयपुर की कंपनी से 32 साल बाद भी नहीं लिए 31 लाख रुपए

Edited By Priyanka rana,Updated: 06 Dec, 2018 10:20 AM

housing board

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की वर्ष 2017-18 की एनुअल ऑडिट रिपोर्ट में अकाऊंटमैंटेन करने पर कई सवाल उठाए गए हैं।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की वर्ष 2017-18 की एनुअल ऑडिट रिपोर्ट में अकाऊंटमैंटेन करने पर कई सवाल उठाए गए हैं। ऑडिट में कहा गया है कि बोर्ड ने जयपुर की कंपनी जयपुर उद्योग लिमिटेड को सीमैंट सप्लाई करने के लिए 31 लाख रुपए दिए थे, लेकिन कंपनी ने लॉस में जाने के चलते ये सीमैंट सप्लाई नहीं किया, लेकिन विभाग ने 32 साल पहले दी इस राशि की रिकवरी के लिए गंभीरता नहीं दिखाई। 

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1986-87 में बोर्ड ने कंपनी को यह अमाऊंट दिया था, लेकिन जब कंपनी ने सीमैंट सप्लाई नहीं किया तो सी.एच.बी. ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक केस फाइल किया, जिसका फैसला बोर्ड के फेवर में हुआ। लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि कंपनी पहले ही बोर्ड से इंडस्ट्रीयल एंड फाइनैंशियल रि-कंस्ट्रक्शन के लिए अप्रोच कर चुकी थी। लेकिन इसके बाद बोर्ड ने कभी भी इस राशि की रिकवरी के लिए प्रयास नहीं किया।

एंट्रीज भी डेली बेसिज पर नहीं :
रिपोर्ट में अकाऊंट मैंटेन करने में भी कई खामियां सामने आई हैं। सी.एच.बी. द्वारा मैनुअल बुक्स के साथ टैली अकाऊंटिंग साफ्टवेयर का प्रयोग करके अपनी अकाऊंट बुक्स मैंटेन की जाती हैं। 

टैली करने के लिए एंट्रीज मैनअुल बुक्स से ली जाती है, लेकिन सॉफ्टवेयर से टैली करने के लिए ये एंट्रीज डेली बेसिज पर नहीं की जा रही है। इसे साल के अंत में किया जा रहा है, जोकि इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंट्स ऑफ इंडिया द्वारा तय अकाऊंटिंग स्टैंडड्र्स की वायलेशन है। ये भी सामने आया कि बोर्ड ने कुछ काम प्रशासन के अन्य विभागों से करवाए, लेकिन वह अधिक राशि को रिफंड करवाने में असफल रहा है।

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