Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 10:35 AM
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की निदेशक मंडल की बैठक मंगलवार को हुुई, जिसमें बोर्ड के कर्मचारियों के पैंशन वाले प्रस्ताव पर चर्चा के वक्त चेयरमैन ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने बोर्ड कर्मियों की पैंशन का प्रस्ताव रिजैक्ट कर दिया है।
चंडीगढ़ (विजय): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की निदेशक मंडल की बैठक मंगलवार को हुुई, जिसमें बोर्ड के कर्मचारियों के पैंशन वाले प्रस्ताव पर चर्चा के वक्त चेयरमैन ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने बोर्ड कर्मियों की पैंशन का प्रस्ताव रिजैक्ट कर दिया है। इसलिए उस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
यू.टी. कर्मियों के लिए बनेंगे 252 आवास
यू.टी. इम्प्लाई हाऊसिंग स्कीम के तहत पहले चरण में 252 आवास बनाने का प्रस्ताव भी चर्चा के लिए आया था, लेकिन उसे डैफर कर दिया है। इस पर 55.51 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
बदलावों पर फीस देने पर नहीं भेजे जाएंगे नोटिस
बोर्ड द्वारा नीड बेस्ड चेंज के लिए निर्धारित पैनल्टी प्रतिवर्ष देनी होगी, लेकिन भविष्य में उन्हें नोटिस नहीं भेजे जाएंगे, जबकि वॉयलेशन कितनी है यह अलॉटी ही बताएगा। पैनल्टी में छूट के साथ 31 मार्च तक फीस भरी जा सकती है। जी.पी.ए. से ट्रांसफर के लिए हाईकोर्ट के आदेशों से पहले जमा हुए आवेदनों को स्वीकार करने का प्रस्ताव भी पारित हो गया है।
पूरे शहर में एक मुश्त होगी ट्रांसफर फीस
बैठक में ट्रांसफर फीस को लेकर जनता के प्रतिनिधि निदेशकों ने बोर्ड अधिकारियों को घेर लिया। बैठक में सैक्टर-63 के फ्लैट्स की ट्रांसफर फीस 15 प्रतिशत लेने का मुद्दा छाया रहा, जिस पर निदेशक मंडल के सदस्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया। निर्देशक तरसेम गर्ग ने बोर्ड अधिकारियों को ट्रांसफर फीस का यूनिफोर्म फार्मूला दिखाया।
इसमें बताया गया कि अगर चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के आवासों की ट्रांसफर फीस कलैक्टर रेट के तहत सुनिश्चित कर दी जाए तो सभी को एकमुश्त ट्रांसफर फीस देनी होगी, जो 3 प्रतिशत की जा सकती है। जबकि छोटे आवासों की ट्रांसफर फीस प्रति गज भी ली जा सकती है। इस पर बोर्ड के अन्य सदस्यों ने सहमति जताई लेकिन साथ ही ट्रांसफर फीस के फार्मूले की समीक्षा करने की बात कही ताकि बोर्ड को होने वाले नुक्सान या फायदे का आंकलन किया जा सके।
संभवत उक्त प्रस्ताव को अगली बैठक में पारित कर लिया जाएगा। सैक्टर -63 में ही बिना जनरैटर चल रही 83 लिफ्टों के लिए जेनसैट इंस्टाल करने का प्रस्ताव भी पारित हो गया जिसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। जिस आवास को रद्द किया जा चुका है उन आवासों को रिस्टोर किया जाएगा, जिसके लिए उचित जुर्माना वसूला जाएगा। उक्त प्रस्ताव भी बैठक में पारित कर दिया गया है।