Edited By pooja verma,Updated: 12 Jun, 2019 12:16 PM
रेलवे स्टेशन पर करीब 300 ऑटो खड़े रहते हैं लेकिन इन कोई भी रिकॉर्ड जी.आर.पी. के पास नहीं है जोकि सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा बन सकता है।
चंडीगढ़ (लल्लन): रेलवे स्टेशन पर करीब 300 ऑटो खड़े रहते हैं लेकिन इन कोई भी रिकॉर्ड जी.आर.पी. के पास नहीं है जोकि सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा बन सकता है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जी.आर.पी. ने बकायदा एक सर्कुलर जारी किया था कि ऑटो टैक्सी चालक यूनियन जल्द से जल्द एक रजिस्टर मैंटेन कर जी.आर.पी. को दे, जिसमें ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नंबर, ऑटो चालक का नाम और उसका मोबाइल नंबर लिखा हो।
इतना ही नहीं यह सब जानकारी ऑटो के अंदर भी लिखी होनी चाहिए, ताकि यात्री ऑटो -टैक्सी में बैठते ही इस जानकारी को पढ़ सके। लेकिन न तो रजिस्टर बना और न ऑटो के अंदर कोई जानकारी नहीं लिखी गई है। इसके साथ रेलवे की पाॢकंग में बिना पास के कई डीजल ऑटो पार्क हैं, जो चलने के लायक भी नहीं हैं। जी.आर.पी.की ओर से हटाने की कोशिश भी नहीं की जा रही है।
ऑटो चालकों को जी.आर.पी. का डर नहीं
स्टेशन पर ऑटो चालको का आतंक इतना अधिक है कि वह जी.आर.पी. से भी नहीं डरते। शताब्दी व लंबे रूट की ट्रेनों के समय सड़क पर ही ऑटो पार्क करके सवारियों की तलाश में निकाल जाते हैं। कई बार तो ऑटो चालक जी.आर.पी.के जवानों के साथ हाथापाई पर उतारू हो जाते हैं।
चालान के आंकड़े
जी.आर.पी. की ओर से हर साल चालान काटे जाते हैं। वर्ष 2018 में 527 चालान किए गए व 20 ऑटो जब्त किए। 2018 में जो 20 ऑटो जब्त किए गए हैं, उनमें से 6 ऑटो को कोई अभी तक रिलीज करवाने के लिए नहीं आया।
सूत्रों की माने तो इन 6 ऑटो चालकों के पास न तो इन ऑटो के कागज हैं और न परमिशन हैं। वहीं जी.आर.पी. प्रभारी नरेश चंद ने बताया कि ऑटो वालों के हमारे पास कोई रिकार्ड नहीं है। हां, नियम तोडऩे पर उनका चालान किया जाता है।
साल चलान काटे वाहन जब्त
2015 1155 16
2016 1017 73
2017 576 25
2018 527 20
ऑटो और रिक्शा चालक फैलाते हैं पाॢकंग में कूड़ा
रात के समय यह ऑटो व रिक्शा चालक शराब पीकर बोतल पार्किंग एरिया में फैंक देते हैं। ठेकेदार की ओर से कई बार इसकी शिकायत की गई है लेकिन इनके खिलाफ न तो स्टेशन के अधिकारियों ने ही उचित कदम उठाया और न ही पुलिस ने।