Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Jul, 2019 10:54 AM
पी.जी.आई. कांट्रैक्ट यूनियन व सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले समान काम-समान वेतन, ई.पी.एफ. और रैगुलराइज करने को लेकर चल रही भूख हड़ताल के दौरान मुलाजिमों में उस वक्त रोष फैल गया, जब उनका भूख हड़ताल पर बैठा एक साथी बेहोश हो गया और उसे पी.जी.आई. की...
चंडीगढ़(साजन) : पी.जी.आई. कांट्रैक्ट यूनियन व सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले समान काम-समान वेतन, ई.पी.एफ. और रैगुलराइज करने को लेकर चल रही भूख हड़ताल के दौरान मुलाजिमों में उस वक्त रोष फैल गया, जब उनका भूख हड़ताल पर बैठा एक साथी बेहोश हो गया और उसे पी.जी.आई. की इमरजैंसी में भर्ती करवाना पड़ा। कर्मचारी पिछले 9 दिन से क्रमवार भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं। कर्मचारियों ने पी.जी.आई. प्रशासन की कर्मचारी विरोधी नीतियों की भत्र्सना की।
अनहोनी का जिम्मेदार होगा पी.जी.आई. प्रशासन :
यूनियन के महासचिव देवराज व शिरी पाल ने कहा कि हमने पहले ही पी.जी.आई. प्रशासन को चेतावनी दी थी कि चूंकि उन्हें धरने के लिए टैंट नहीं लगाने दिया जा रहा और पुलिस व सिक्योरिटी को भेजकर दमन करने की नीति अपनाई जा रही है। अगर भूख हड़ताल के दौरान उनके किसी साथी को कोई नुक्सान होता है तो इसकी जिम्मेदारी पी.जी.आई. प्रशासन की रहेगी क्योंकि धरना स्थल पर बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं करने दी जा रही।
उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो धरना ऐसे ही चलता रहेगा। दोनों यूनियनों के प्रधान संजीव कन्नौजिया व सुंदर कुमार ने कहा कि वह अपनी मांगों के लिए बरसों से संघर्ष कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पी.जी.आई. प्रशासन को कुछ दिशा निर्देश दिए थे लेकिन बावजूद इसके पी.जी.आई. प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। इमरजैंसी में भर्ती मुलाजिम की हालत अब ठीक बताई जा रही है।