हाइपरटैंशन के मरीजों को कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा

Edited By Priyanka rana,Updated: 14 Mar, 2020 10:33 AM

hypertension patients are more at risk of corona virus infection

हाइपरटेंशन, डायबीटिज, कार्डियावास्कुलर डिजीज, क्रोनिक रेस्परेटरी डिजीज व कैंसर के मरीजों को कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है।

चंडीगढ़(साजन) : हाइपरटेंशन, डायबीटिज, कार्डियावास्कुलर डिजीज, क्रोनिक रेस्परेटरी डिजीज व कैंसर के मरीजों को कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इन बीमारियों के साथ जूझ रहे मरीजों को बीमारी आसानी से जकड़ में ले सकती है। ऐसा पी.जी.आई. के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेताया है। 

वे चंडीगढ़ प्रैस क्लब में आयोजित स्टेट लैवल हाइपरटैंशन वर्कशॉप में बोल रहे थे। देश में 30 प्रतिशत आबादी हाइपरटेंशन की शिकार है। लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। पी.जी.आई. के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं हैड डा. यशपाल शर्मा के मुताबिक जिन मरीजों को हाइपरटेंशन की शिकायत है, उन पर कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा है। 

ग्लोबल रिसर्च के डाटा के बारे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिन मरीजों में हाइपरटेंशन था, उनकी मृत्यु दर 8.4 प्रतिशत थी। कार्डियोवास्कुलर डिजीज से पीड़ित मरीजों में यह 13.2 प्रतिशत, डायबिटीज में 9.2 प्रतिशत, क्रोनिक रेस्परेटरी डिजीज में 8 प्रतिशत और कैंसर में 7.6 प्रतिशत की दर थी। 

वुहान में जिन मरीजों की मौत हुई, उनमें 50 प्रतिशत को हाइपरटैंशन था :
वल्र्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन एवं सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से उन मरीजों को स्पेशल चेतावनी जारी की गई जो क्रोनिक हैल्थ कंडीशन या क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक वुहान में जिन 170 मरीजों की मौत हुई, उनमें से 50 प्रतिशत को हाइपरटेंशन या अन्य नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज थी। 

डा. यशपाल शर्मा ने बताया कि हालांकि इन दावों की हालांकि अभी पूरी तरह से पुष्टि बाकि है लेकिन बावजूद इसके वल्र्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन एवं चीन के ज्वाइंट मिशन ने कोविड 19 को लेकर इसी तरह की रिपोर्ट व फाइंडिंग दी हैं। वुहान के टॉप डाक्टर जो ग्राऊंड पर कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, ने बताया है कि जो भी कोरोना वायरस के संक्रमण से मरे हैं, उनमें से 50 प्रतिशत हाइपरटेंशन के शिकार थे। 

प्रीवैंटिव स्टैप लेने बेहद जरूरी :
पी.जी.आई. के डिपार्टमैंट आफ कम्युनिटी हैल्थ एवं स्कूल आफ पब्लिक हैल्थ के प्रो. अमरजीत सिंह के मुताबिक कम्यूनिटी लेवल पर इस बीमारी के खिलाफ प्रीवेंटिव स्टैप लेने जरूरी हैं ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि उनका विभाग लोगों को इस बाबत लगातार जागरुक कर रहा है ताकि कोरोना वायरसस के खतरे से बचा जा सके। 

इसी विभाग के प्रोफेसर सोनू गोयल के मुताबिक भारत में भी कर्नाटक के 76 साल के व्यक्ति की वायरस के संक्रमण से वीरवार को पहली मौत रिपोर्ट हुई है। इस व्यक्ति की केस हिस्टरी भी बता रही है कि वह हाइपरटेंशन और अस्थमा से पीड़ित था। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व के लिए वर्तमान में वॉर जैसी अवस्था है। देशों को न केवल अपने इंटेंसिव केयर यूनिट  बेहतर करने होंगे बल्कि उपकरणों व दवाओं की सप्लाई भी लगातार सही बनाए रखनी होगी। तंबाकू प्रयोग करने वालों पर भी रिस्क फैक्टर है। 

पंजाब के 35.7 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रैशर से पीड़ित :
उन्होंने कहा कि पंजाब के 35.7 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रैशर से पीड़ित हैं और ज्यादातर को अपनी इस अवस्था के बारे जानकारी नहीं है लिहाजा उन्हें इस अवस्था से बचाने और महामारी के दौरान स्क्रीनिंग कराने की जरूरत है। कई सावधानियां भी उन्हें बरतनी होंगी। उन्होंने कहा कि जो दिल की बीमारियों या मधुमेह से जूझ रहे मरीज हैं उन्हें न केवल रैगुलर दवाएं लेनी होंगी बल्कि यह भी ध्यान रखना होगा कि उनका ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहे।

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