मैं रोल को नहीं, बल्कि वह खुद मुझे चुन लेते हैं : कल्कि

Edited By bhavita joshi,Updated: 20 Apr, 2019 03:03 PM

i do not roll but he manages himself selected me kalki

कल्कि कोचलिन बेशक मेन स्ट्रीम सिनेमा में कम दिखाई देती हों, लेकिन उनका हर रोल ऑडिंयस के दिलोदिमाग पर छा जाता है।

चंडीगढ़(पाल): कल्कि कोचलिन बेशक मेन स्ट्रीम सिनेमा में कम दिखाई देती हों, लेकिन उनका हर रोल ऑडिंयस के दिलोदिमाग पर छा जाता है। कल्कि खुद मानती हैं कि उनके रोल ग्रे-शेड और कुछ कॉम्पलीकेशन से भरे होते हैं। हालांकि वह इन्हें एंजॉय करती हैं। ऐसा काम कम एक्टर्स को मिलता है। देव-डी, शैतान और माई फ्रैंड पिंटो किसी भी फिल्म को देख लीजिए हर किरदार एक-दूसरे से अलग हैं। कल्कि शुक्रवार को एक फैशन में बतौर शो-स्टॉपर शहर पहुंची, जहां उन्होंने अपने करियर को लेकर कई बातें शेयर की।

रोल की लंबाई और बैनर मेरे लिए कभी मायने नहीं रखता 
कल्कि ने कहा कि रोल की लंबाई व बैनर मेरे लिए कभी मायने नहीं रखता। रोल कितना चैलेंजिंग है, यह मायने रखता है। जहां तक अपनी पसंद की बात करूं तो मुझे कॉमेडी बहुत पसंद है। हालांकि अभी मैंने इसमें ट्राई नहीं किया है लेकिन यह एक्टिंग का सबसे टफ काम है, जिसे मैं जल्द से जल्द करना चाहूंगी। मेरी हर फिल्म का किरदार मेरे दिल के नजदीक है। हर रोल को शिद्दत से निभाना अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी है। खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि लोग मेरे काम को पसंद करते हैं। 

पापा की लाइफ पर फिल्म बनाने का सपना

मेरी जो पर्सनैलिटी है, वह मेरे फॉदर की वजह है। उन्होंने बहुत स्ट्रगल किया है। साथ ही लाइफ को जीना भी उन्होंने सिखाया। अपने पापा की लाइफ पर फिल्म बनाने का मेरा सपना है। इसे मैं जल्द से जल्द पूरा करना चाहूंगी। हाल ही में वैब सीरीज मेड इन हैवन को लेकर कल्कि काफी लाइम लाइट में हैं। खुद कल्कि ने कहा कि यह बदलता दौर है, इंडस्ट्री एक्सपैरिमैंट कर रही है, जिसे लोग पसंद कर रहे हैं। जहां तक इस सीरीज का सवाल है तो वह खुद काफी हैरानी में है कि लोगों ने उसे इतना पसंद किया।

नैशनल अवार्ड मिलना यादगार पल 
मारग्रिटा विथ ए स्ट्रा साल-2016 में आई इस फिल्म के लिए कल्कि को नैशनल अवॉर्ड मिला था। कल्कि कहती हैं कि अब तक के करियर में यूं तो कई अवॉडर््स मिले लेकिन नैशनल अवार्ड मिलना वाकई एक यादगार पल था। बहुत कम ऐसे एक्टर होते हैं, जिन्हें इतना बड़ा सम्मान इतनी जल्दी मिल जाता है। एक्टर अवॉड्र्स के लिए काम नहीं करते  लेकिन उनके काम को जब सराहा जाता है तो अच्छा लगता है। आप और बेहतर काम करने के लिए मोटिवेट होते हो। 

डिजाइनर वरुण बहल की कलैक्शन शो केस की
शुक्रवार को ब्लैंडर्स प्राइड की ओर से चंडीगढ़ क्लब में एक फैशन शो का आयोजन किया गया। यहां कल्कि कोचलिन बतौर शो-स्टॉपर पहुंची। कल्कि ने फैशन डिजाइनर वरुण बहल की कलैक्शन को शो-केस किया। उनके साथ ही मॉडल व एक्ट्रैस शिबानी दंडेकर ने डिजाइनर गेबरिएला डेमेट्रियडस का आऊटफिट डिस्पले किया।

खुद की पर्सनैलिटी के अनुसार फैशन चुनें: बहल
डिजाइनर वरुण बहल ने बताया कि इंडियन ड्रैस की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कुछ चेंज नहीं होता। कपड़ा पुराना वाला ही होता है, उसमें कुछ कट्स और कुछ नए के लिए कढ़ाई कर दी जाती है और वह इंडियन फैशन बन जाता है। फैशन ट्रैंड्स पर उन्होंने कहा फैशन आता-जाता रहता है। ऐसे में कभी भी फैशन के अनुसार न बदलें बल्कि खुद की पर्सनैलिटी के अनुसार फैशन चुनें। 

मैं कहां से हूं, मुझे खुद नहीं पता 
पंजाब का फ्लैवर बहुत अलग है। यहां आना हमेशा एक्साइटिंग रहता है। खासकर यहां का खाना। थिएटर के लिए भी यहां आई हूं। यहां का क्राऊड बहुत लाऊड है। हालांकि मुझे उनके लाऊड होने से प्रॉब्लम नहीं है लेकिन मुझे कहीं न कहीं लगता है कि इससे मेरी एक्टिंग उन्हें कहीं न कहीं छू नहीं पाती। दूसरा कारण मेरी इंग्लिश लैंग्वेज भी हो सकती है। मेरे पिता फ्रांस से हैंऔर मां साऊथ से। इसका इफैक्ट मुझ पर भी है। मैं कई तरह की लैंग्वेज का सिनेमा कर सकती हूं। चाहे साऊथ हो या बॉलीवुड या कोई और लैंग्वेज का सिनेमा। कभी-कभी तो मुझे खुद लगता है कि आखिर मैं हूं कहां से।  

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