अगर फर्जी मतदान की शिकायत निकली झूठी तो निरस्त होगा वोट

Edited By bhavita joshi,Updated: 24 Feb, 2019 10:28 AM

if the complaint of fake voting is false then it will be canceled

चुनावों में फर्जी मतदान और ई.वी.एम. मशीन पर लगने वाले गड़बड़ी के आरोपों के बीच निर्वाचन आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है।

चंडीगढ़ (साजन): चुनावों में फर्जी मतदान और ई.वी.एम. मशीन पर लगने वाले गड़बड़ी के आरोपों के बीच निर्वाचन आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। आगामी लोकसभा चुनाव में ई.वी.एम. मशीन के साथ वी.वी. पैट मशीन को अटैच कर दिया गया है। उससे शिकायत होने पर तत्काल वोट का सत्यापन किया जा सकेगा। 

मशीन में गड़बड़ी होने या वोट दूसरे प्रत्याशी के डाले जाने की शिकायत के आरोप फर्जी पाएं गए तो शिकायतकर्त्ता की वोट को निरस्त कर दिया जाएगा। यदि पीठासीन अधिकारी को शिकायतकर्त्ता की फितरत लगत लगी तो उसे झूठी शिकायत करने के मामले में आरोपी बनाया जा सकता है। इसमें जेल व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यदि शिकायत सही मिली तो मतदान बंद करके निर्वाचन अधिकारी को सूचित किया जाएगा। जिसके बाद आयोग द्वारा अगली कार्रवाई की जाएगी। 

वी.वी.पैट मशीन (वैरिफाई पेपर ऑडिट ट्रेल) स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली के रूप में काम में ली जाएगी। इस मशीन पर वोट देते ही मतदाता को उसके द्वारा दिया गया वोट किस प्रत्याशी का दिया है,उसका नाम व चुनाव चिन्ह मशीन की स्क्रीन पर नजर जाएगा। इससे मतदाता संतुष्ट हो सकेगा। वहीं आवश्यकता पडऩे पर संग्रहित इलैक्ट्रोनिक परिणामों का ऑडिट करने की सुविधा मिल सकेगी। 

वी.वी. पैट मशीन से निकाला समाधान
इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने कुछ साल से गंभीरता दिखा रहा है और इसका समाधान वी.वी.पैट मशीन के माध्यम से निकाला है। यह मशीन ई.वी.एम. के साथ अटैच की जाएगी। इस संदर्भ में मुख्य संयुक्त निर्वाचन अधिकारी आई.ए.एस. अर्जुन शर्मा ने बताया कि अब कोई भी मतदाता मतदान करने के बाद अपना मत देख सकेगा कि उसका वोट सही डला है या अन्य प्रत्याशी के खाने में पड़ या नहीं। इसके बावजूद कोई भी मतदाता मशीन में गड़बड़ी होने या फिर वोट अन्य को डल जाने की शिकायत करता है तो पहले तो शिकायतकर्ता को समझाया जाएगा।

इसके बावजूद संतुष्ट नहीं होने पर उससे एफिडेविट भरवाकर उसे पीठासीन अधिकारी, पोलिंग अधिकारी समेत अन्य अधिकारी पोलिंग एजैंट की मौजूदगी में टैस्ट वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसमें शिकायत सही पाई गई तो मतदान रोक कर जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचित किया जाएगा। वहीं, शिकायत झूठी पाई गई तो शिकायतकर्त्ता का वोट तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर पीठासीन अधिकारी को लगा कि शिकायतकर्त्ता गलत तरीके से परेशान कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।

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