चीफ जस्टिस बोले- तुरंत हटाओ शहर में बैठे अवैध वैंडर्स, यह भाषण देने का मैदान नहीं

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Oct, 2019 11:54 AM

illegal vendors

चंडीगढ़ के हर सैक्टर में कब्जा जमाए बैठे रेहड़ी-फड़ीवालों से दुकानदारों और शहरवासियों को जल्द राहत मिलने वाली है। सर्वे में रजिस्टर्ड किए गए 9356 वैंडर्स को निर्धारित किए गए 40 वैंडर्स जोन्स में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ के हर सैक्टर में कब्जा जमाए बैठे रेहड़ी-फड़ीवालों से दुकानदारों और शहरवासियों को जल्द राहत मिलने वाली है। सर्वे में रजिस्टर्ड किए गए 9356 वैंडर्स को निर्धारित किए गए 40 वैंडर्स जोन्स में शिफ्ट कर दिया जाएगा। 

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी कर नगर निगम व प्रशासन को शहर में खासकर नो-वैंडर्स जोन में बैठे अवैध वैंडर्स को तुरंत हटाने को कहा है। साथ ही रजिस्टर्ड किए गए वैंडर्स को चार सप्ताह में निर्धारित स्थलों में शिफ्ट करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में लोग रहते हैं या कोई शिक्षण या अन्य संस्थान हैं, वहां भी वैंडर्स को न बिठाया जाए। 

वहीं, सैक्टर-17 में दो वर्षों से बैठे वैंडर्स की पैरवी कर रहे वकीलों की ओर से बार-बार जिरह के बीच में बोलने और आदेश लिखवाते वक्त रुकावट डालने पर चीफ जस्टिस भड़क उठे। उन्होंने सख्त लहजे में वैंडर्स के वकील को लताड़ते हुए कहा ‘यह कोर्ट है, भाषण देने का मैदान नहीं, जहां आप बोलते रहोगे और हम सुनते रहेंगे। 

आप होते कौन हैं कोर्ट को दिशा-निर्देश देने वाले, आपको बार-बार टोका जा रहा है और आप हैं कि बोलते ही चले जा रहे हैं। कोर्ट को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं’। चीफ जस्टिस के गुस्से के बाद कोर्ट में जमा वकीलों की भीड़ का शोर सन्नाटे में बदल गया।

सोचिए, अगर हाईकोर्ट परिसर में फडिय़ां लग जाएं तो?
सैक्टर-17 की ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से पक्ष रखते हुए सीनियर वकील पुनीत बाली ने खचाखच भरी कोर्ट को बताया कि सैक्टर-17 भी हाईकोर्ट की तरह हैरीटेज क्षेत्र है, जहां करोड़ों के शोरूम्स का लाखों में किराया देने वाले और टैक्स देने वाले दुकानदारों की दुकानों के सामने बिना किसी शुल्क, टैक्स व चोरी की बिजली इस्तेमाल कर सैंकड़ों फड़ीवाले बैठे हैं। 

दो वर्षों से दुकानदारों की अपील कोर्ट में पैंडिंग है, जिनका करोड़ों का नुक्सान तो हुआ सैक्टर-17 का स्टेटस भी खराब हो चुका है। व्यापारियों पर क्या गुजर रही होगी, वही जानते हैं। सोचिए, अगर हाईकोर्ट के सामने फड़ियां लग जाएं तो क्या होगा? चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने इस मामले को गंभीरता से लिया और अढ़ाई घंटे मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद व्यापारियों को बड़ी राहत दी। 

नगर निगम और प्रशासन को 4 सप्ताह से पहले दाखिल करनी होगी स्टेटस रिपोर्ट :
कोर्ट ने कहा है कि अतिशीघ्र आदेशों पर अमल शुरू हो जाना चाहिए और निर्धारित समय से पहले सभी वैंडर निर्धारित जगह पर शिफ्ट हो जाने चाहिए और अवैध रेहड़ी-फड़ीवाले शहर में न दिखाई दें, यह सुनिश्चित होना चाहिए। कोर्ट को बताया गया कि शहर में कुल 9356 वैंडर्स सर्वे के दौरान रजिस्टर्ड किए गए थे। इनमें से करीब 2000 को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं और उन्हें वैंडर्स जोन में शिफ्ट किया जा रहा है। 

कोर्ट को बताया गया कि रजिस्टर्ड वैंडर्स में करीब 2800 मोबाइल वैंडर्स भी हैं, जो घूम-फिर कर काम करते हैं। कोर्ट को बताया गया कि सर्वे का काम गठित की गई कमेटी द्वारा वर्ष 2014 में बने वैंडर एक्ट के तहत हुआ है। कोर्ट ने नगर निगम की उस अपील को भी स्वीकार कर लिया, जिसमें उसने वैंडर एक्ट बाइलॉज में मॉडिफिकेशन किए जाने की अनुमति मांगी थी। 

आप भी शहर के सम्मानित नागरिक हैं, इसके भविष्य को ध्यान में रखें :
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान वैंडर्स के पक्ष में जिरह कर रहे एक वरिष्ठ वकील को वैंडर्स के लिए निर्धारित स्थलों को लेकर कहा कि आप भी शहर के एक सम्मानित नागरिक हैं इसलिए शहर के भविष्य और स्टेटस को ध्यान में रखते हुए स्थलों का निर्धारण करने में मदद करें, जिससे शहर की खूबसूरती भी बनी रहे और वैंडर्स को रोजगार भी मिलता रहे। 

उक्त वकील सैक्टर-17 के वैंडर्स को सैक्टर-34 में बिठाने की मांग कर रहे थे। पहले सैक्टर-17 में रजिस्टर्ड किए गए 640 वैंडर्स को सैक्टर-15 में बिठाने के लिए इंतजाम किए गए थे, जिसका रैजीडैंट्स और वहां स्थित एक स्कूल के संचालकों ने कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर विरोध किया था। अब वैंडर्स को सैक्टर-25 में रैली मैदान के पास शिफ्ट किया जाएगा, जहां वह जाना नहीं चाहते।

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