74 दिन में विजीलैंस न पूरा रिकॉर्ड ले पाई और न ही गठित की जांच कमेटी

Edited By bhavita joshi,Updated: 01 Dec, 2018 12:19 PM

in 74 days vigilance could not complete the record

पंचकूला नगर निगम के उच्चाधिकारियों ने एमरजैंसी वर्क की आढ़ में ई-टैंडर की बजाए आनन-फानन में करोड़ों रुपए के काम कोटेशनों पर ही करवा डाले।

पंचकूला (मुकेश): पंचकूला नगर निगम के उच्चाधिकारियों ने एमरजैंसी वर्क की आढ़ में ई-टैंडर की बजाए आनन-फानन में करोड़ों रुपए के काम कोटेशनों पर ही करवा डाले। नगर निगम के पूर्व पार्षद रविकांत स्वामी ने अन्य पार्षदों की तरह चुप्पी साधने की बजाए घोटालों को ऊजागर करने के लिए प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सी.बी.आई. और विजीलैंस विभाग को शिकायतें भेज दीं। हरियाणा सरकार ने विजीलैंस को जांच करने की हरी झंडी भी दे दी। विजीलैंस द्वारा जांच शुरू किए 74 दिन बीच चुके हैं, इन 74 दिनों में विजीलैंस के डी.एस.पी. नगर निगम से न तो घोटालों के संबंध में पूरा रिकार्ड ही ले पाए और न ही जांच कमेटी गठित कर पाए। 

ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं पब्लिक की आंखों में धूल झोंकने और मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ही तो जांच विजीलैंस को नहीं सौंपी गई। वहीं दूसरी तरह इन्हीं घोटालों की हरियाणा अर्बन लोकल बॉडीज के टैक्नीकल एडवाइजर भी जांच कर रहे हैं। दो अलग-अलग जांचों में नगर निगम के अफसर,कर्मचारी और ठेकेदार नप सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले ही विजीलैंस में ट्रांसफर हुए इंस्पैक्टर को जांच करने के लिए कहा गया है। 

2014 में शामिल किए थे एक्सियन, एस.डी.ओ. व जे.ई.
नगर निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण और शहर की डिवैल्पमैंट के नाम पर जो पैसा खर्च किया उस पर विजीलैंस जांच तो बिठा दी लेकिन ऐसी कोई कमेटी नहीं बनाई जिसमें टैक्नीकल एक्सपर्ट को रखा हो। वर्ष 2014 में भी शहर में हुए कामों की जब जांच हुई थी तब जांच कमेटी में एक्सियन, एस.डी.ओ. और जे.ई. को शामिल किया था। ऐसे में विजीलैंस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगा है।

इन मामलों का रिकार्ड किया विजीलैंस ने तलब
द्वनगर निगम पंचकूला के इंजीनियरिंग विंग द्वारा शहर मं बरसाती नालों पर जो लोहे के जाल/चादरे लगवाई गई हैं उससे संबंधित कोटेशनें, बिल, यदि टैंडर मांगे गए हैं तो टैंडर की प्रतियांद्वशहर के अंदर बने पुराने बस क्यू शैल्टर तोडऩे संबंधित जिस फर्म को ठेका दिया है, इससे संबंधित पूरा रिकार्ड और बस क्यू शैल्टरों से जो पुराना मलवा प्राप्त है उसका स्टॉक रजिस्टरद्वकार्यकारी अभियंता पंकज सैणी, उपमंडल अभियंता एम.पी. शर्मा, खुशी राम व सुभाष कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति के दौरान नगर निगम कार्यालय के बाहर पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए शैड, बनवाने से संबंधित रिकार्ड, टैक्टर टॉली किराए पर लेना व डंपिंग ग्राऊंड पर चैन डोजर का ठेका देने से संबंधित पूरा रिकार्डद्वस्वच्छ भारत मिशन के नाम पर साइन बोर्ड बनवाने व लगवाने और प्राइवेट गाडिय़ां किराए पर लेने से संबंधित पूरा रिकार्ड।  

प्रधानमंत्री ऑफिस ने भी चीफ सैक्रेटरी को इन्क्वायरी के लिए कहा है 
द्वप्रधानमंत्री ऑफिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा के चीफ सैक्रेटरी को इन्क्वायरी के लिए कहा है, यही नहीं पार्षद रविकांत स्वामी की घोटालों को लेकर की गई शिकायत को पी.एम.ओ. ने अपने पोर्टल पर रजिस्टर भी कर लिया है। साथ ही चीफ सैक्रेटरी को कहा है कि रिपोर्ट भेजें, ताकि उसे अपने पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेद्वनिगम द्वारा कोटेशनों पर करवाए गए कामों की लिस्ट, जिनकी जांच की पूर्व पार्षद ने उठाई थी मांगद्वनगर निगम पंचकूला द्वारा शहर में महंगी कोटेशन दरों पर नियमों को ताक पर रख कर गति अवरोधक लगवाने बारे (जिसका खर्चा करीब 20-30 लाख रुपए आया है)द्वनगर निगम ने सैक्टर-4 के कम्युनिटी सैंटर में बनवाए गए अवैध सी.एफ.सी. सैंटर पर कोटेशनों के आधार पर करीब 70-80 लाख रुपए खर्च करने बारेद्वनगर निगम के सैक्टर-21 में कोटेशनों के आधार पर एंगल लगवाकर उसकी पाऊडर कोटिंग-पिं्रटिड शीट लगाने के लिए 9.80 लाख रुपए खर्च करने बारेद्वसैक्टर-14 नगर निगम ऑफिस के बाहर पार्किंग में लाखों रुपए खर्च कर अवैध शैड बनवाने बारेद्वसैक्टर-4 के कम्युनिटी सैंटर के प्रांगण में कोटेशन के आधार पर टाइलें लगवाने बारेद्वनगर निगम द्वारा 8.50 लाख रुपए की कोटेशन पर शहर की सड़कों पर रोड मार्किंग करवाने बारे द्वनगर निगम द्वारा कोटेशन के आधार पर सैक्टर-21 में करीब 7.50 लाख रुपए के स्पीड ब्रेकर लगवाने बारेद्वस्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर लाखों रुपए निगम अधिकारियों ने टैक्सियों पर किए खर्चद्वनगर निगम द्वारा स्टीट बैंडर्स को महंगी दरों पर फूड कार्ट जबरदस्ती देने बारे (जिसकी कीमत 80 हजार से लेकर 1.40 लाख रुपए तक)द्वनगर निगम द्वारा बस स्टॉप तोड़कर वहां पर कोटेशन पर टाइलें लगवाने बारेद्वनगर निगम द्वारा ऑस्कर कंपनी को पावर सप्लाई करने का ठेका लगातार पिछले 2-3 सालों से बिना टैंडर आमंत्रित किए कंटीन्यू करने बारे द्वनगर निगम पंचकूला द्वारा शहर में यूनिपोल पर अवैध विज्ञापन लगवाने बारे।


 

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