Edited By Priyanka rana,Updated: 15 Feb, 2019 11:41 AM
अंतर्राष्ट्रीय सिंथैटिक ड्रग तस्करी केस में भले ही पंजाब पुलिस ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई केस दर्ज हैं, लेकिन सी.बी.आई. की अदालत में पुलिस अपनी ही बनाई स्टोरी साबित ही नहीं कर सकी।
मोहाली(कुलदीप) : अंतर्राष्ट्रीय सिंथैटिक ड्रग तस्करी केस में भले ही पंजाब पुलिस ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई केस दर्ज हैं, लेकिन सी.बी.आई. की अदालत में पुलिस अपनी ही बनाई स्टोरी साबित ही नहीं कर सकी। जिसके चलते एफ.आई.आर. नंबर 50 के सभी आरोपी बरी हो गए। जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।
केस की पैरवाई कर रहे वकील एडवोकेट सनेहप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने 3 अप्रैल 2013 को एन.डी.पी.एस. एक्ट की अलग-अलग धाराओं तथा आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत उक्त केस 6 आरोपियों पलविन्द्र भिन्दा, राजिन्द्र उर्फ मिंटू, दिलबाग सिंह बाघा, सुरेश कुमार, जगदीश भोला, गुरदीप सिंह के खिलाफ दायर किया गया था।
जमीन का सौदा करने की बात भी पुलिस की बनाई स्टोरी में आई थी :
एडवोकेट सनेहप्रीत ने बताया कि जब अदालत में केस की कार्रवाई चली तो पुलिस द्वारा बनाई गई स्टोरी सही साबित नहीं हो सकी। पुलिस दो आरोपियों गुरदीप सिंह तथा सुरेश को गैंग के मैंबरों के तौर पर साबित नहीं कर सकी।
इसके अलावा जगदीश भोला को गांव सलाणी (अमलोह) में ड्रग के पैसे से जमीन का सौदा करने की बात भी पुलिस की स्टोरी में आई थी लेकिन प्रॉसीक्यूशन उसे अदालत में साबित नहीं कर सका। पुलिस द्वारा बनाई गई यह स्टोरी अदालत में साबित न हो सकने के चलते सभी आरोपी इस केस में से बरी हो गए।